Ganga Dussehra 2023: गंगा दशहरा पर स्नान के समय करें इन खास मंत्रों का जाप, पितृदोष से मिलेगी मुक्ति
गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति. - गंगा जी को मोक्षदायिनी माना जाता है. कहते हैं जो गंगा दशहरा पर गंगा जी में स्नान कर लेता है उसपर शिव जी सदा मेहरबान रहते हैं. इस मंत्र के साथ गंगा स्नान करने वालों को मृत्यु के बाद यमलोक की यातनाएं नहीं सहनी पड़ती.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।। - गंगा मईया का ये मंत्र सबसे शक्तिशाली माना जाता है. गंगा स्नान के समय 3 बार गंगा में डूबकी लगाते हुए इस मंत्र का जाप करें. मान्यता है इससे सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं. मनुष्य मृत्यु के बाद स्वर्गलोक में जाता है.
ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्। - गंगा दशहरा पर गंगा स्नान के बाद पितरों की शांति के लिए घाट पर तर्पण जरुर करें. कहते हैं गंगाजल और तिल हाथ में लेकर तर्पण करने से कई पीढ़ियों के पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है और पितृदोष से मुक्ति मिलती है
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।। - गंगा दशहरा पर गंगा में स्नान करते हुए इस मंत्र को बोलने से सभी नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और हर कार्य में सफलता मिलती है.
गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं । त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां ।।- मानसिक तनाव से मुक्ति पाना चाहते हैं तो गंगा स्नान के समय इस मंत्र का उच्चारण करें.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -