Geeta jayanti 2022: घर में है श्रीमद्भागवत गीता तो भूलकर भी न करें ये गलती, नहीं मिलता है पूर्ण लाभ
Geeta jayanti 2022: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी को गीता जयंती मनाई जाती है. कहते हैं कि दुनिया में यही एक मात्र ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है. पुराणों के अनुसार जिस घर में नियमित रूप से गीता का पाठ किया जाता है वहां खुशहाली बनी रहती है.
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View In Appगीता जीवन जीने की शिक्षा देती है. जो रोजाना इसके श्लोक का अनुसरण करता है वह बड़ी से बड़ी मुश्किलों को आसानी से पार कर लेता है. श्रीमद्भागवत गीता को घर में रखने और पाठ करते वक्त कुछ बातों का खयाल रखना चाहिए, तभी पूर्ण फल मिलता है.
श्रीमद्भागवत गीता ग्रंथ बहुत पवित्र ग्रंथ है. इसे हमेशा पूजा स्थान पर ही रखें. बिना स्नान किए इस ग्रंथ का स्पर्श न करें. कहते हैं इससे पाप के भागी बनते हैं.
गीता पाठ वैसे तो कभी भी किया जा सकता है लेकिन अगर कोई अध्याय शुरू किया है तो उसे बीच में न छोड़े समाप्त करके ही आसन से उठें.
पाठ शुरू करने से पहले भगवान गणेश और श्री कृष्ण का स्मरण करें. जिस आसन पर रोजाना पाठ करते हैं वही उपयोग में ले. दूसरों का आसन नहीं लेना चाहिए इससे पूजा-पाठ का प्रभाव कम हो जाता है.
श्रीमद्भागवत गीता को नीचे या जमीन पर रखकर पाठ नहीं करना चाहिए. इसके लिए पूजा चौकी या फिर काठ (लकड़ी से बना स्टेंड) का इस्तेमाल करें.
गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म-मरण के रहस्य के बारे में बताया है. गीता में व्यक्ति की हर परेशानी का समाधान छिपा है. इसका पाठ करने से मोक्ष मिलता है.
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