International Women's Day 2023: 'मां तुझे सलाम' भारत की महिलाएं जिनके साहस को पूरा देश आज भी सलाम करता है
झांसी वाली रानी, रानी लक्ष्मी बाई- इन्होंने केवल 29 साल की आयु में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुईं.
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View In Appअरुणा आसफ अली ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और के मुंबई के गोवालीया मैदान में कांग्रेस का झंडा फ्हराया जिसके हमेशा याद किया जाता है.
कैप्टन लक्ष्मी सहगल विश्व युद्ध के दौरान जब जापानी सेना ने सिंगापुर में ब्रिटिश सेना पर हमला किया तो लक्ष्मी सहगल सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज में शामिल हो गईं थीं.
सरोजिनी नायडू उन्होंने अनेक राष्ट्रीय आंदोलनों का नेतृत्व किया और जेल भी गयीं. संकटों से न घबराते हुए वे एक धीर वीरांगना की भाँति गाँव-गाँव घूमकर ये देश-प्रेम का अलख जगाती रहीं .
कल्पना चावला एक भारतीय अमरीकी अन्तरिक्ष यात्री और अन्तरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी और अन्तरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी. वे कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गए सात यात्री दल सदस्यों में से एक थीं.
उषा मेहता ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी और स्वतंत्रता के बाद वह गांधीवादी दर्शन के अनुरूप महिलाओं के उत्थान के लिए प्रयासरत रही. वह भारत छोड़ो आंदोलन के समय खुफिया कांग्रेस रेडियो चलाने के कारण पूरे देश में विख्यात हुईं.
श्रीमती भीखाजी जी रूस्तम कामा भारतीय मूल की पारसी नागरिक थीं जिन्होने लन्दन, जर्मनी तथा अमेरिका का भ्रमण कर भारत की स्वतंत्रता के पक्ष में माहौल बनाया.
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