Krishna Janmashtami 2022: कान्हा की छाती पर क्यों बनाते हैं पैर के चिन्ह, जानें क्या है इसके पीछे वजह
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार चर्चा छिड़ी कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश में से कौन सर्वश्रेष्ठ कौन है? इसका सही जवाब जानने के लिए सभी ऋषियों में प्रमुख भृगु ऋषि के पास पहुंचे.
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View In Appमहर्षि भृगु त्रिदेव ने श्रेष्ठ कौन से इसका पता लगाने के लिए सबसे पहले ब्रह्माजी जी की परीक्षा ली. ऋषि ब्रह्माजी से भेंट करने पहुंचे. ब्रह्मलोक में भृगु ऋषि का आदर सत्कार नहीं किया तो वो क्रोधित हो उठे. महर्षि भृगु ने भी ब्रह्माजी को प्रणाम नहीं किया. ब्रह्मा जी भी गुस्से में आ गए. इसके बाद ऋषि शिवलोक के लिए निकल गए.
कैलाश पर महर्षि भृगु को देख भोलेनाथ प्रसन्न हो गए और खुद उठकर उनके पास पहुंचे और उन्हें गले लगाने की कोशिश की, लेकिन ऋषि ने महादेव को ये कहकर गले लगाने से मना कर किया कि महादेव आपने चिता की भस्म लगाई है जिसे मैं स्पर्श नहीं कर सकता. शिव कोध्रित हो गए उन्होंने अपना त्रिशूल उठा लिया लेकिन देवी पार्वती ने उन्हें रोक लिया.
भृगु ऋषि इसके बाद बैकुण्ड लोक पहुंचे. यहां विष्णुजी विश्राम कर रहे थे. भृगु ऋषि श्रीहरि की छाती पर एक पैर मार दिया. इस घटना के बाद भृगु ऋषि को विपरित परिणाम देखने को मिला. श्रीहरि को क्रोध नहीं आया बल्कि उन्होंने ऋषि से पूछा कि आपको पैरों में चोट तो नहीं आई?
विष्णु जी का यो व्यवहार देखकर महर्षि प्रसन्न हुए और उन्हें सभी देवों में सर्वश्रेष्ठ घोषित किया. कान्हा की छाती पर जो पग चिन्ह के निशान हैं वो भृगु ऋषि के चरण प्रतीक है.
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