Mahakal Mandir: महाकाल मंदिर में खास भस्म से होता है शिव का श्रृंगार, जानें क्यों यहां रात नहीं रुकते नेता
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित में स्थित है. यहां की भस्म आरती विश्वभर में प्रसिद्ध है. प्रतिदिन बाबा का भस्म से श्रृंगार किया जाता है. भस्म आरती को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं. कहते हैं प्राचीन समय से ही महाकाल बाबा को चिता की भस्म चढ़ाई जाती थी लेकिन अब यहां उपलों से विशेष भस्म बनाई जाती है.
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View In Appपलाश, बड़, शमी, पीपल, अमलतास, बैर के पेड़ की लकडि़यां और उपलों को एक साथ जलाया जाता है. पूरी प्रक्रिया के दौरान मंत्रोच्चारण किए जाते हैं. फिर इसे एक साफ कपड़े से छानकर बाबा का श्रृंगार किया जाता है.
शिव संहार के देवता है. भोलेनाथ भस्म धारण ये संदेश देते हैं कि जब इस संसार का विनाश होगा तब सभी जीवों की आत्माएं शिवजी में ही समा जाएंगी.
महाकाल मंदिर तीन खंडों में बंटा हुआ है. ऊपरी भाग में नागचंद्रेश्वर मंदिर, मध्य में ओंकारेश्वर तथा निचले खंड में बाबा महाकाल विराजे हैं. महाकाल मंदिर में भोलेनाथ का दक्षिणामुखी शिवलिंग है.
उज्जैन में शिव के पवित्र धाम को लेकर लंबे समय से एक मान्यता आज भी कायम है. कहते हैं यहां कभी कोई नगर का राजा जैसे मुख्यमंत्री रात नहीं गुजराते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकालेश्वर उज्जैन के राजाधिराज हैं, इसलिए बाबा महाकाल के दरबार में एक साथ दो राजा नहीं रूक सकते हैं. मान्यताओं के अनुसार जो भी बड़े राजनेता या मुख्यमंत्री यहां रात रुकते हैं उनकी सत्ता संबंधी परेशानियां शुरु हो जाती है.
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