Mahashivratri 2023: महादेव ने क्यों लिया था नटराज अवतार, बेहद रोचक है कहानी
शिव की महीमा निराली है, उनके हर अवतार की एक अनोखी कहानी है. शिव ने अपने अलग-अलग स्वरूपों से मनुष्य को एक खास संदेश दिया है. शिव बड़े मयालू हैं लेकिन जब उन्हें क्रोध आता है तब सृष्टि तहस-नहस हो जाती है.
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View In Appशिव का नटराज स्वरूप अधिकतर लोगों ने देखा है. गले में नागों का डेरा, पैरों तले दानव. इस मुद्रा में वह क्रोधित होकर नृत्य करते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार शिव ने ये स्वरूप व्यक्ति के अहंकार को तोड़ने के लिए लिया था.
पौराणिक कथा के अनुसार तारगम नाम के स्थान पर कुछ साधु निवसा करते थे, उन्हें अपनी विद्या और ज्ञान पर बहुत घमंड था. वह वहां रहने वाले हर प्राणी को तुच्छ समझते थे और उनका तिरस्कार करते थे.
ऋषियों का अभिमान तोड़ने के लिए शिव गरीब व्यक्ति का रूप धरकर वहां पहुंचे और उनकी ज्ञान की परीक्षा ली. मुनिजन ने क्रोध में शिव पर जहरीले सर्पों से वार किया. शिव जी ने उन्हें कंठाहार बना लिया.
इस पर ऋषियों का क्रोध और बढ़ गया उन्होंने अपनी दिव्य शक्तियों से अपस्मार नामक राक्षस को जन्म दिया. वह तेज गर्जना कर भगवान शिव की तरफ दौड़ा लेकिन महादेव ने उसे भी अपने पैरों तले रौंध दिया और नटराज अवतार लेकर वह उसके शव पर खड़े होकर नृत्य करने लगे.
शिव की महीमा देखकर ऋषियों का अहंकार टूट गया. तभी से शिव के नटराज स्वरूप को अज्ञान और अहंकार को नष्ट करने वाला माना जाता है.
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