Neem Karoli Baba: कैंची धाम जानें का ये है सही समय, यहां हुए हैं कई चमत्कार
भारत में कई ऐसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली स्थान है जिसकी भूमि में ही चमत्कार है. ऐसा ही है कैंची धाम. ये हनुमान जी के परम भक्त और उनके अवतार माने जाने वाले बाबा नीम करोली के जरिए स्थापित की गई पावन भूमि है. यहां पर बाबा नींब करौरी महाराज कई सालों तक रहे. मान्यता है कि अभी भी बाबा जी यहां पर दर्शन देते हैं
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View In Appनैनीताल में स्थित कैंची धाम में हनुमान जी का मंदिर है, जिसकी स्थापना बाबा नीम करोली ने की थी. वैसे तो भक्त बाबा से आशीर्वाद पाने के लिए यहां आते रहते हैं लेकिन हर साल 15 जून को कैंची धाम में विशेष भंडाल और मेला लगता है. बाबा नीब करोली ने 15 जून 1964 को कैंची धाम में हनुमान जी की प्रतिमा की प्रतिष्ठा की थी. इस दिन यहां आना श्रेष्ठ माना जाता है.
फेसबुक, एप्पल के मालिक भी कैंची धाम में अपनी अर्जी लगा चुके है, वह बाबा नीम करोली को अपना गुरु मानते हैं. मान्यता है कि कैंची धाम आने वाला भक्त कभी खाली हाथ नहीं जाता है.
कहते हैं कि ये जगह कैंची के आकार की बनी है, इसलिए इसे कैंची धाम के नाम से जाना जाता है. यहां आश्रम के अलावा बाबा नीम करोली का मंदिर भी बना है. बाबा नीब करौरी 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिल कर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था.
कैंची धाम की भूमि चमत्कारों से भरी पड़ी है. कहा जाता है कि कैंची धाम में एक बार भंडारे के दौरान घी की कमी पड़ गई थी. बाबा नीम करोली ने कहा कि नीचे बहती नदी से पानी भरकर लाएं. उसे प्रसाद बनाने हेतु जब उपयोग में लाया गया तो वह पानी घी में बदल गया.
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