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Peepal Puja: इस समय भूलकर भी न करें पीपल की पूजा, चली जाएगी घर की बरकत
Peepal Puja: पीपल के पेड़ में विष्णु जी-मां लक्ष्मी का वास माना गया है. कार्तिक में पीपल की पूजा की पूजा बहुत लाभकारी होती है लेकिन इसकी उपासना के भी कुछ नियम है. इनका पालन करने पर ही फायदा मिलता है.
![Peepal Puja: पीपल के पेड़ में विष्णु जी-मां लक्ष्मी का वास माना गया है. कार्तिक में पीपल की पूजा की पूजा बहुत लाभकारी होती है लेकिन इसकी उपासना के भी कुछ नियम है. इनका पालन करने पर ही फायदा मिलता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/14/6615adbe42d655727f00be224cd82ed01665748258635499_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पीपल पूजा नियम और गलतियां
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![सनातन धर्म में पीपल को बहुत पूजनीय माना गया है. पुराणों के अनुसार पीपल के जड़ में भगवान विष्णु, तने में केशव, शाखओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि और फलों में सभी देवता विराजमान है. कार्तिक माह क्योंकि भगवान विष्णु को समर्पित है इसलिए इसमें पीपल की पूजा बहुत फलदायी साबित होती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/14/a13c67c783ef7b987b7a8fff3190f60741d9b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सनातन धर्म में पीपल को बहुत पूजनीय माना गया है. पुराणों के अनुसार पीपल के जड़ में भगवान विष्णु, तने में केशव, शाखओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि और फलों में सभी देवता विराजमान है. कार्तिक माह क्योंकि भगवान विष्णु को समर्पित है इसलिए इसमें पीपल की पूजा बहुत फलदायी साबित होती है.
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![पीपल की पूजा करने से पाप कर्मों, कष्टों और पितृ दोष से छुटकारा मिलता है, माता लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती हैं और घर में बरकत बनी रहती है. शनिवार के दिन सुबह पीपल को जल चढ़ाने और शाम को सरसों के तेल का दीपक लगाएं. कहते हैं इससे शनि की महादशी से मुक्ति मिलती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/14/925ca75d0d367ae3e219ef59ad18b2cd5f518.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पीपल की पूजा करने से पाप कर्मों, कष्टों और पितृ दोष से छुटकारा मिलता है, माता लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती हैं और घर में बरकत बनी रहती है. शनिवार के दिन सुबह पीपल को जल चढ़ाने और शाम को सरसों के तेल का दीपक लगाएं. कहते हैं इससे शनि की महादशी से मुक्ति मिलती है.
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![पीपल की पूजा भूलकर भी सूर्योदय से पहले न करें. ऐसा करने पर घर में दरिद्रता का वास होता है.शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय से पूर्व पीपल में मां लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी निवास करती हैं. जो दरिद्रता का प्रतीक हैं. वहीं रविवार को पीपल में जल न चढ़ाएं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/14/f8ca226b6fd55d4874ae0b00fe334c53b7925.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पीपल की पूजा भूलकर भी सूर्योदय से पहले न करें. ऐसा करने पर घर में दरिद्रता का वास होता है.शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय से पूर्व पीपल में मां लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी निवास करती हैं. जो दरिद्रता का प्रतीक हैं. वहीं रविवार को पीपल में जल न चढ़ाएं.
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![सूर्योदय होने पर पीपल की जड़ में तांबे या पीतल के लौटे से चढ़ाना चाहिए. इसके बाद पीपल की 7 परिक्रमा लगाएं. इससे सभी मनोकाना पूर्ण होती है. भूलकर भी सूर्यास्त के बाद पीपल को जल अर्पित न करें.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/14/49e883037ea6b2eae794527d4759286f6a47f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सूर्योदय होने पर पीपल की जड़ में तांबे या पीतल के लौटे से चढ़ाना चाहिए. इसके बाद पीपल की 7 परिक्रमा लगाएं. इससे सभी मनोकाना पूर्ण होती है. भूलकर भी सूर्यास्त के बाद पीपल को जल अर्पित न करें.
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![गीता के अनुसार श्रीकृष्ण ने पीपल को खुद का स्वरूप बताया है. भगवान कृष्ण ने पीपल के वृक्ष के नीचे ही सृष्टि को गीता का ज्ञान प्रदान किया था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/14/54ad2f4897bd032f0b31396254015408ea21d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गीता के अनुसार श्रीकृष्ण ने पीपल को खुद का स्वरूप बताया है. भगवान कृष्ण ने पीपल के वृक्ष के नीचे ही सृष्टि को गीता का ज्ञान प्रदान किया था.
Published at : 14 Oct 2022 05:57 PM (IST)
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