Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष में पूजा करनी चाहिए या नहीं, जानें नियम और सावधानियां
पितृ पक्ष में प्रतिदिन की तरह ही ईश्वर की पूजा कर सकते हैं. पितरों को पूजनीय जरूर माना गया है लेकिन शास्त्रों के अनुसार घर में देवी-देवताओं की पूजा के साथ पूर्वजों की उपासना नहीं की जाती है
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View In Appप्रभू की पूजा के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है, तभी हम आध्यात्मिक रूप से उनसे जुड़ पाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि अगर मंदिर या पूजा स्थल पर पितरों की फोटो लगाएंगे तो ध्यान भटकेगा और हम उस दुख की घड़ी को याद कर जब उन्हें खोया था. ऐसे में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होगी और ईश्वर की पूजा में मन नहीं लगेगा.
वास्तु के अनुसार पितरों की तस्वीर हमेशा घर में इस तरह लगाए जहां उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर रहे. शास्त्रों में पितरों का स्थान दक्षिण दिशा में माना गया है. ध्यान रहे कि घर में पितरों की सिर्फ एक ही तस्वीर लगाएं.
शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में पूर्वजों की मृत्यु तिथि पितरों की संतुष्टि के लिए शांति से पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध, दान किए जाते हैं. मान्यता है कि पितरों की आराधना में तेज स्वर में वेद मंत्रोच्चार निषेध है.
पितृ पक्ष में पूरी श्रद्धा के साथ तर्पण और श्राद्ध करें. गरीब, असहाय की मदद करना चाहिए. पीपल के पेड़ की पूजा करें. पशु-पक्षियों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करें.
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