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Polila Baisakh 2023: कब है पोइला बोइसाख, जानें बंगाली नववर्ष की परंपराएं और मान्यताएं
Polila Baisakh 2023: बंगाली नववर्ष को पोइला बोइशाख कहा जाता है. इस साल पोइला बोइशाख शनिवार 15 अप्रैल 2023 को है. जानें बंगाली समुदाय के लिए इस दिन का महत्व और इससे जुड़ी परंपराएं व मान्यताएं.
![Polila Baisakh 2023: बंगाली नववर्ष को पोइला बोइशाख कहा जाता है. इस साल पोइला बोइशाख शनिवार 15 अप्रैल 2023 को है. जानें बंगाली समुदाय के लिए इस दिन का महत्व और इससे जुड़ी परंपराएं व मान्यताएं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/13/2a3c7f2b911c2e0baeab3d2942fecb491681390994249466_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पोइला बोइशाख
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![बोइला बोइशाख यानी बंगाली नववर्ष के पहले दिन बंगाली समुदाय के लोग घर की साफ-सफाई करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/13/ebc679b551abd9fab3a21e446d304e2aaf523.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बोइला बोइशाख यानी बंगाली नववर्ष के पहले दिन बंगाली समुदाय के लोग घर की साफ-सफाई करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते हैं.
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![पोइला बोइशाख के दिन लोग एक दूसरे को ‘शुभो नोबो बोसरो’ कहकर नए साल की बधाई देते हैं. इस दौरान छोटे घर के बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद भी लेते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/13/f666a19489efb993bb9646831b3c656e34e21.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पोइला बोइशाख के दिन लोग एक दूसरे को ‘शुभो नोबो बोसरो’ कहकर नए साल की बधाई देते हैं. इस दौरान छोटे घर के बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद भी लेते हैं.
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![पोइला बोइशाख के दिन बंगाल में कई जगहों में पर गौ माता की पूजा का भी विधान है. लोग बंगाली नववर्ष के पहले दिन गाय को स्नान कराने के बाद उसे तिलक लगाते हैं, भोग चढ़ाते हैं, पूजा करते हैं और फिर गाय के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/13/ce64cbd160bcd8dffeeeae7ec9e942c54066c.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पोइला बोइशाख के दिन बंगाल में कई जगहों में पर गौ माता की पूजा का भी विधान है. लोग बंगाली नववर्ष के पहले दिन गाय को स्नान कराने के बाद उसे तिलक लगाते हैं, भोग चढ़ाते हैं, पूजा करते हैं और फिर गाय के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं.
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![शुभ कार्य करने के लिए भी पोइला बोइशाख के दिन को बंगाली समुदाय के लोग शुभ मानते हैं. इसलिए इस दिन लोग शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन या खरीदारी जैसे कार्य भी करते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/13/2aa124d3c620522b99b5d5227c8e75280f5ca.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
शुभ कार्य करने के लिए भी पोइला बोइशाख के दिन को बंगाली समुदाय के लोग शुभ मानते हैं. इसलिए इस दिन लोग शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन या खरीदारी जैसे कार्य भी करते हैं.
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![पश्चिम बंगाल में कई जहगों पर पोइला बोइशाख के दिन मेले आदि का आयोजन भी किया जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/13/7b6eaa5ebcfcdf1f6ac6b1d1b0eb73e6d249d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पश्चिम बंगाल में कई जहगों पर पोइला बोइशाख के दिन मेले आदि का आयोजन भी किया जाता है.
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![पोइला बोइशाख के अगले दिन लोग अच्छी वर्षा के लिए बादल की पूजा करते हैं. मान्यता है कि इससे अच्छी फसल होती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/13/8a9689cc5f37483df2ff58486d4d177e49b31.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पोइला बोइशाख के अगले दिन लोग अच्छी वर्षा के लिए बादल की पूजा करते हैं. मान्यता है कि इससे अच्छी फसल होती है.
Published at : 14 Apr 2023 08:00 AM (IST)
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