Polila Baisakh 2023: कब है पोइला बोइसाख, जानें बंगाली नववर्ष की परंपराएं और मान्यताएं
बोइला बोइशाख यानी बंगाली नववर्ष के पहले दिन बंगाली समुदाय के लोग घर की साफ-सफाई करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते हैं.
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View In Appपोइला बोइशाख के दिन लोग एक दूसरे को ‘शुभो नोबो बोसरो’ कहकर नए साल की बधाई देते हैं. इस दौरान छोटे घर के बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद भी लेते हैं.
पोइला बोइशाख के दिन बंगाल में कई जगहों में पर गौ माता की पूजा का भी विधान है. लोग बंगाली नववर्ष के पहले दिन गाय को स्नान कराने के बाद उसे तिलक लगाते हैं, भोग चढ़ाते हैं, पूजा करते हैं और फिर गाय के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं.
शुभ कार्य करने के लिए भी पोइला बोइशाख के दिन को बंगाली समुदाय के लोग शुभ मानते हैं. इसलिए इस दिन लोग शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन या खरीदारी जैसे कार्य भी करते हैं.
पश्चिम बंगाल में कई जहगों पर पोइला बोइशाख के दिन मेले आदि का आयोजन भी किया जाता है.
पोइला बोइशाख के अगले दिन लोग अच्छी वर्षा के लिए बादल की पूजा करते हैं. मान्यता है कि इससे अच्छी फसल होती है.
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