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पूजा के दौरान देवी-देवताओं को अर्पित करें ये पवित्र फूल, हर किसी का है अलग महत्व

पूजा पाठ

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पूजा के दौरान देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए हम बहुत-सी ऐसी चीजें अर्पित करते हैं, जो उन्हें प्रिय होती हैं. इन्हीं में से एक हैं फूल.
पूजा के दौरान देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए हम बहुत-सी ऐसी चीजें अर्पित करते हैं, जो उन्हें प्रिय होती हैं. इन्हीं में से एक हैं फूल.
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हिंदू धर्म में फूलों का विशेष महत्व है. अत्यंत पवित्र होने के कारण इन्हें पूजा के दौरान देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है. हर फूल का अपना अलग महत्व होता है. आइए जानते हैं फूल के महत्व और उसेक चढ़ाने की विधि के बारे में.
हिंदू धर्म में फूलों का विशेष महत्व है. अत्यंत पवित्र होने के कारण इन्हें पूजा के दौरान देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है. हर फूल का अपना अलग महत्व होता है. आइए जानते हैं फूल के महत्व और उसेक चढ़ाने की विधि के बारे में.
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गुलाब के फूल- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुलाब के फूल रिश्तों में मजबूती प्रदान करने का काम करते हैं. ये फूल रिश्तों पर सीधा असर डालते हैं. ज्योतिष में लाल गुलाब का संबंध मंगल और इसकी खुशबू का संबंध शुक्र ग्रह से बताया गया है. लाल गुलाब का इस्तेमाल करने से प्रेम, आकर्षण, आत्मविश्वास, विवाह और रिश्तों का वरदान मिलता है. मान्यता है कि नियमित रूप से मां लक्ष्मी को गुलाब के फूल अर्पित करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है.
गुलाब के फूल- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुलाब के फूल रिश्तों में मजबूती प्रदान करने का काम करते हैं. ये फूल रिश्तों पर सीधा असर डालते हैं. ज्योतिष में लाल गुलाब का संबंध मंगल और इसकी खुशबू का संबंध शुक्र ग्रह से बताया गया है. लाल गुलाब का इस्तेमाल करने से प्रेम, आकर्षण, आत्मविश्वास, विवाह और रिश्तों का वरदान मिलता है. मान्यता है कि नियमित रूप से मां लक्ष्मी को गुलाब के फूल अर्पित करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है.
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गेंदे के फूल- गेंदे के फूलों का इस्तेमाल भगवान को अर्पित करने में सबसे ज्यादा किया जाता है. गेंदे के फूल का संबंध बृहस्पति से होता है. जहां ये आकर्षक लगते हैं वहीं मंदिर में इनके इस्तेमाल से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि गेंदे के फूल की माला नियमित रूप से भगवान विष्णु को अर्पित करने से संतान संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
गेंदे के फूल- गेंदे के फूलों का इस्तेमाल भगवान को अर्पित करने में सबसे ज्यादा किया जाता है. गेंदे के फूल का संबंध बृहस्पति से होता है. जहां ये आकर्षक लगते हैं वहीं मंदिर में इनके इस्तेमाल से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि गेंदे के फूल की माला नियमित रूप से भगवान विष्णु को अर्पित करने से संतान संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
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गुड़हल के फूल- गुड़हल का फूल देवी की आराधना के लिए सर्वोत्तम है. गुड़हल का फूल देवी और सूर्य देव की आराधना में विशेष महत्व रखता है. शत्रुओं और विरोधियों से राहत पाने के लिए देवी को नियमित एक गुड़हल अर्पित करना चाहिए. शारीरिक समस्या या रोगों से छुटकारा पाने के लिए सूर्य देव को अर्घ्य देते समय जल में गुड़हल का फूल अवश्य डालें. इससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है.
गुड़हल के फूल- गुड़हल का फूल देवी की आराधना के लिए सर्वोत्तम है. गुड़हल का फूल देवी और सूर्य देव की आराधना में विशेष महत्व रखता है. शत्रुओं और विरोधियों से राहत पाने के लिए देवी को नियमित एक गुड़हल अर्पित करना चाहिए. शारीरिक समस्या या रोगों से छुटकारा पाने के लिए सूर्य देव को अर्घ्य देते समय जल में गुड़हल का फूल अवश्य डालें. इससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है.
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कमल के फूल- कमल का फूल शुभ आगमन का प्रतीक माना गया है. शुद्ध रूप से ये दैवीय और आध्यात्मिक फूल माना गया है. कमल के फूला का संबंध नौ ग्रहों से है. बता दें कि सफेद रंग के कमल को सबसे पवित्र और श्रेष्ठ माना गया है. मान्यता है कि भगवान कृष्ण को किसी भी एकादशी पर दो कमल के फूल अर्पित करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है. वहीं, मां लक्ष्मी को अगर 27 दिन तक लगातार एक कमल का फूल अर्पित किया जाए, तो अखंड राज्य सुख की प्राप्ति होती है.
कमल के फूल- कमल का फूल शुभ आगमन का प्रतीक माना गया है. शुद्ध रूप से ये दैवीय और आध्यात्मिक फूल माना गया है. कमल के फूला का संबंध नौ ग्रहों से है. बता दें कि सफेद रंग के कमल को सबसे पवित्र और श्रेष्ठ माना गया है. मान्यता है कि भगवान कृष्ण को किसी भी एकादशी पर दो कमल के फूल अर्पित करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है. वहीं, मां लक्ष्मी को अगर 27 दिन तक लगातार एक कमल का फूल अर्पित किया जाए, तो अखंड राज्य सुख की प्राप्ति होती है.

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