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Raksha Bandhan 2022: 11 अगस्त को है रक्षाबंधन, जानें भद्राकाल समय और क्यों नहीं बांधते भद्रा में राखी
रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा. इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी है. भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है. आइए जानते इस साल रक्षाबंधन पर्व पर भद्राकाल कब से शुरू हो जाएगा.
![रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा. इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी है. भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है. आइए जानते इस साल रक्षाबंधन पर्व पर भद्राकाल कब से शुरू हो जाएगा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/07/cf220cccf4e8087b08c735c5fe6fa4141659855024_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
रक्षाबंधन 2022 डेट, भद्राकाल समय
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![भद्राकाल- 11 अगस्त 2022 को शाम 5 बजकर 17 मिनट पर भद्रा पुंछ शुरू होकर शाम 6 बजकर 18 मिनट पर खत्म होगा. फिर 6 बजकर 18 मिनट से भद्रा मुख शुरू होकर रात्रि 8 बजे तक रहेगा. इस दौरान बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने से बचें.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/07/5d4a80a41665bffa69db52029dc5282ec85fe.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
भद्राकाल- 11 अगस्त 2022 को शाम 5 बजकर 17 मिनट पर भद्रा पुंछ शुरू होकर शाम 6 बजकर 18 मिनट पर खत्म होगा. फिर 6 बजकर 18 मिनट से भद्रा मुख शुरू होकर रात्रि 8 बजे तक रहेगा. इस दौरान बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने से बचें.
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![अगर किसी कारणवश भद्राकाल में राखी बांधना पड़े तो प्रदोषकाल में अमृत, शुभ, लाभ का चौघड़िया देखकर राखी बांध सकते हैं. 11 अगस्त को अमृत काल शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/07/3ededc70551c2a312be498a347c8bbfb839dd.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अगर किसी कारणवश भद्राकाल में राखी बांधना पड़े तो प्रदोषकाल में अमृत, शुभ, लाभ का चौघड़िया देखकर राखी बांध सकते हैं. 11 अगस्त को अमृत काल शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा.
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![रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त- रक्षाबंधन भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है. भाई की लंबी आयु और उसकी तरक्की के लिए इस दिन बहन उन्हें रक्षासूत्र बांधती हैं. 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/07/2e93405edfeb36170f900d0a527c61e73f347.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त- रक्षाबंधन भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है. भाई की लंबी आयु और उसकी तरक्की के लिए इस दिन बहन उन्हें रक्षासूत्र बांधती हैं. 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है.
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![भद्रा में क्यों नहीं बांधते राखी- भद्रा काल में राखी बांधना वर्जित है. पौराणिक कथा के अनुसार लंका नरेश रावन की बहन ने भद्राकाल में राखी बांधी थी जिसके कारण रावण का सर्वनाश हो गया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/07/2f888ee77d32f01752173abd2c27bfdd5f1f8.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
भद्रा में क्यों नहीं बांधते राखी- भद्रा काल में राखी बांधना वर्जित है. पौराणिक कथा के अनुसार लंका नरेश रावन की बहन ने भद्राकाल में राखी बांधी थी जिसके कारण रावण का सर्वनाश हो गया.
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![भद्राकाल को माना गया अशुभ- भद्राकाल में राखी बाधंना अशुभ माना गया है, इसके पीछे एक पौराणिक कथा ये है कि शनिदेव की बहन का नाम भद्रा था. भद्रा का स्वभाव बहुत क्रूर था वो हर मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ, यज्ञ में विघ्न डालती थी. लिहाजा भद्राकाल में कोई शुभ काम करना अच्छा नहीं माना जाता. इसके परिणाम अशुभ होते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/07/65157aaa4481c677aad0a3204edaf2cece488.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
भद्राकाल को माना गया अशुभ- भद्राकाल में राखी बाधंना अशुभ माना गया है, इसके पीछे एक पौराणिक कथा ये है कि शनिदेव की बहन का नाम भद्रा था. भद्रा का स्वभाव बहुत क्रूर था वो हर मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ, यज्ञ में विघ्न डालती थी. लिहाजा भद्राकाल में कोई शुभ काम करना अच्छा नहीं माना जाता. इसके परिणाम अशुभ होते हैं.
Published at : 07 Aug 2022 12:56 PM (IST)
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