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Shardiya Navratri 2022: नवरात्रि में जौ बोने का महत्व और जानें इसके शुभ-अशुभ संकेत
Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि का आरंभ 26 सितंबर 2022 से होगा. नवरात्रि में जौ बोने का विशेष महत्व है. ज्वारे बोने के भी नियम है साथ ही इन ज्वारों के उगने पर शुभ-अशुभ संकेतों का पता लगाया जा सकता है.
![Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि का आरंभ 26 सितंबर 2022 से होगा. नवरात्रि में जौ बोने का विशेष महत्व है. ज्वारे बोने के भी नियम है साथ ही इन ज्वारों के उगने पर शुभ-अशुभ संकेतों का पता लगाया जा सकता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/25/f1ffd36d4f47a4595734a4c95ea298391664110995262499_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
शारदीय नवरात्रि 2022 जौ बोने का महत्व और संकेत
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![नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त - अश्विन नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना होती है. कलश स्थापना में जौ बोना बहुत शुभ माना जाता है. जौ को ब्रह्मा जी का प्रतीक माना गया है. इनकी आराधना से नवरात्रि की पूजा सफल होती है. इस साल घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 26 सितंबर 2022 को सुबह 6.17 से सुबह 07.55 तक है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/25/39ccf47469bcfeffac58c361fe856a44178cf.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त - अश्विन नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना होती है. कलश स्थापना में जौ बोना बहुत शुभ माना जाता है. जौ को ब्रह्मा जी का प्रतीक माना गया है. इनकी आराधना से नवरात्रि की पूजा सफल होती है. इस साल घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 26 सितंबर 2022 को सुबह 6.17 से सुबह 07.55 तक है.
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![जौ बोने का महत्व - नवरात्रि में जौ (ज्वारे) बोने के पीछे मान्यता है कि इसे सृष्टि की पहली फसल माना गया है. जौ अन्नपूर्णा देवी का प्रतीक माने जाते हैं. नवरात्रि का पर्व बहुत पवित्र होता है ऐसे में जौ बोने से देवी दुर्गा, अन्नपूर्णा मां और ब्रह्मा जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/25/59cc1b82bf19bb48085daa8012335a4ef3972.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जौ बोने का महत्व - नवरात्रि में जौ (ज्वारे) बोने के पीछे मान्यता है कि इसे सृष्टि की पहली फसल माना गया है. जौ अन्नपूर्णा देवी का प्रतीक माने जाते हैं. नवरात्रि का पर्व बहुत पवित्र होता है ऐसे में जौ बोने से देवी दुर्गा, अन्नपूर्णा मां और ब्रह्मा जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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![जौ क्यों बोए जाते हैं - जौ बोने की प्रथा कई सालों से चली आ रही है. इसे मिट्टी के पात्र में नवरात्रि के पहले दिन बोया जाता है. मान्यता है कि जैसे-जैसे ये उगते हैं घर में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/25/7e1c523bd5ee5a8f5521bd9bbc11e4b45daea.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जौ क्यों बोए जाते हैं - जौ बोने की प्रथा कई सालों से चली आ रही है. इसे मिट्टी के पात्र में नवरात्रि के पहले दिन बोया जाता है. मान्यता है कि जैसे-जैसे ये उगते हैं घर में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.
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![जौ के शुभ संकेत - अगर विधि पूर्वक जौ बोए जाएं तो इसके शुभ संकेत मिलते हैं. कहते हैं जौ नवरात्रि की शुरुआत में ही अंकुरित होने लगें तो ये शुभ संकेत माना जाता है. जौ अगर सफेद या हरे रंग में उगे तो ये सुख-सौभाग्य में बढ़ोतरी होने का इशारा माना जाता है..](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/25/c43590c102b21b848875bbe17ef3c3ad92f46.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जौ के शुभ संकेत - अगर विधि पूर्वक जौ बोए जाएं तो इसके शुभ संकेत मिलते हैं. कहते हैं जौ नवरात्रि की शुरुआत में ही अंकुरित होने लगें तो ये शुभ संकेत माना जाता है. जौ अगर सफेद या हरे रंग में उगे तो ये सुख-सौभाग्य में बढ़ोतरी होने का इशारा माना जाता है..
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![जौ के अशुभ संकेत - नवरात्रि के नौ दिनों में भी जौ न उगे या पीले पड़ जाएं तो कहते हैं ये आने वाले समय में किसी बड़ी समस्या का संकेत है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/25/a068185d60b5e5009cb768952b21c63a42bf8.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जौ के अशुभ संकेत - नवरात्रि के नौ दिनों में भी जौ न उगे या पीले पड़ जाएं तो कहते हैं ये आने वाले समय में किसी बड़ी समस्या का संकेत है.
Published at : 25 Sep 2022 10:13 PM (IST)
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