Maha Ashtami 2022 Niyam: दुर्गा अष्टमी पर भूल से भी न करें 5 गलती, रूठ जाएंगी मां अंबे
महाष्टमी पर दिन देवी की संधि काल में 51 दीपक जलाकर मां दुर्गा की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. ध्यान रहे शुभ मुहूर्त में ही संधि पूजा करें. अष्टमी पर सन्धि पूजा का मुहूर्त शाम 04:13 से शाम 05:01 तक है.
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View In Appअगर आप अष्टमी पर व्रत का पारण करते हैं तो हवन जरूर करें. हवन के बिना नवरात्रि का व्रत नहीं खोलना चाहिए. इससे व्रत का प्रभाव कम हो जाता है. हवन करते वक्त आहुति की सामग्री कुंड से बाहर न गिरें. हवन में हर आहुति के बाद स्वाहा जरूर बोलें तभी हवन की प्रक्रिया पूर्ण मानी जाएगी.
धर्म ग्रंथों के अनुसार नवरात्रि की अष्टमी पर सुबह की पूजा के बाद दिन में सोना वर्जित माना गया है. इससे व्रत और शक्ति साधना का फल नहीं मिलता. इस दिन देवी के भजन-कीर्तन में मन लगाएं.
अष्टमी पर कन्या पूजन का महत्व है. इस दिन किसी कन्या का अपमान न करें. जिन कन्याओं को घर पर पूजन-भोजन के लिए आमंत्रित किया है उनका आदर सम्मान करें. प्रेम पूर्वक पूजा और भोजन कराएं. कन्या पूजन के पहले खुद गलती से भी अन्न ग्रहण न करें. कन्या पूजन के दौरान बनने वाले प्रसाद में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल न करें.
अष्टमी पर व्रत खोलते हैं तो सात्विक भोजन का ही ग्रहण करें. भूलकर भी तामसिक भोजन न खाएं. वरना नौ दिन का व्रत व्यर्थ चला जाएगा. व्रत हमेशा देवी का प्रसाद ग्रहण कर ही खोलना चाहिए.
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