Vaishakh Purnima 2023: वैशाख पूर्णिमा पर लगेगा उपछाया चंद्र ग्रहण, इन 5 देवी-देवताओं की करें अराधना
पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 4 मई 2023 को 11 बजकर 44 मिनट से हो चुकी है. पूर्णिमा तिथि का समापन 5 मई 2023 को रात 11 बजकर 03 मिनट पर होगा.
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View In Appवैशाख पूर्णिमा के दिन सूर्य, चंद्रमा, विष्णु जी, मां लक्ष्मी, चंद्रदेव और भगवान बुद्ध की पूजा का विधान है. पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्रमा है,वहीं इस तिथि पर मां लक्ष्मी का अवतरण हुआ था. साथ ही इस दिन जिस घर में भगवान सत्नायारण की पूजा होती है वहां सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है. वहीं पूर्णिमा की रात चंद्रमा को अर्घ्य देने से मानसिक तनाव दूर होता है.
वैशाख पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इसी तिथि पर विष्णु जी ने बुद्ध अवतार भी लिया था. ऐसे में भगवान बुद्ध की पूजा करने से जीवन में मौजूद कष्ट व दुख खत्म हो जाते हैं. साथ ही जाने-अनजाने में किए गए पापों से भी मुक्ति मिलती है.
वैशाख पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने से आरोग्य का वरदान मिलता है. पितरों की प्रसन्नता के लिए इस दिन नदी किनारे तर्पण किया जाता. श्रीहरि की पूजा के यमरजा प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता. पूर्णिमा पर रात्रि में मां लक्ष्मी की उपासना करने से धन लाभ होता है.
वैशाख पूर्णिमा पर इन 5 देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए अन्न, जल से भरा कलश, तिल, सत्तू, गुड़, वस्त्र का दान करना चाहिए. इससे संतान पर आने वाले संकट दूर होते हैं. दांपत्य जीवन सुखमय बनता है और आर्थिक तंगी दूर होती है.
वैशाख पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है, जो रात में 08.45 से प्रात: 01.00 बजे तक रहेगा, ये उपछाया ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन फिर भी ग्रहण काल के दौरान हनुमान जी, शिव जी की पूजा करनी चाहिए. इससे अशुभ प्रभाव का असर नहीं होता.
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