Vidur Niti: इन कामों करने से नष्ट हो जाता है मान-सम्मान, दोस्ती, विद्या और सुख, जानें वजह
Vidur Niti: महात्मा विदुर और हस्तिनापुर के महाराजा धृतराष्ट्र के बीच हुई वार्तालाप और संवाद का संकलन विदुर नीति है. महाभारत काल में विदुर को सबसे बुद्धिमान व्यक्तियों में से एक माना जाता है. वे धर्मशील और न्याय प्रिय व्यक्ति थे. विदुर हमेशा न्याय का पक्ष लेते थे. उन्हें अपनी विद्वता पर घमंड नहीं था.
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View In Appविदुर नीति के एक सूत्र में यह बताया गया है कि वे कौन से काम हैं जिनको करने व्यक्ति का मान-सम्मान, मित्रता, विद्या और सुख नष्ट हो जाते हैं. आइये जानें
विदुर नीति के अनुसार, जो व्यक्ति लालची होता है और वह अपने लाभ के लिए दूसरों को धोखा देने या उसे नुकसान पहुंचाने में तनिक भी देरी नहीं करता है. ऐसे लालची और स्वार्थी लोगों को समाज में कभी अच्छी नजरों से नहीं देखा जाता. उनका मान-सम्मान नष्ट हो जाता है.
विदुर जी कहते हैं कि जो व्यक्ति अपने मित्रों / दोस्तों की गोपनीय बातें एक दूसरे से कहकर इधर-उधर फैला देते हैं. ऐसे चुंगुलखोरों से लोग दूरी बनाने लगते हैं और धीरे-धीरे उनसे अपनी दोस्ती खत्म कर देते हैं.
विदुर नीति के अनुसार, जिस व्यक्ति में बुरी आदतें होती हैं वे भले ही कितने भी बड़े ज्ञानी और विद्वान क्यों न हों, उनकी विद्या नष्ट हो जाती है.
विदुर जी कहते हैं कि कंजूस व्यक्ति के पास चाहे जितना धन क्यों न हो जाये? वह हमेशा चिंता में डूबा रहता है कि उसका धन उधार न मांग ले या कोई छीन न ले या नष्ट न हो जाये. इस भय में उसका सुख नष्ट हो जाता है.
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