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Vidur Niti: विदुर जी कहते हैं कि इनकी सेवा करने से जीवन हो जाता है धन्य, चारों तरफ मिलता है मान-सम्मान
Vidur Niti: विदुर धृतराष्ट्र के भाई थे. राजनीति, धर्म नीति से संबंधित उनका चिंतन एवं ज्ञान अत्यंत प्रशंसनीय था. वे सत्यनिष्ठ एवं धर्मनिष्ठ उपदेशों के द्वारा कौरव एवं पांडु पुत्रों का मार्गदर्शन किया.

विदुर नीति
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Vidur Niti: महात्मा विदुर जी अपनी नीति कहते हैं कि जीवन में तरक्की, मान-सम्मान और आर्थिक उन्नति के लिए लोगों को इन पांच की सेवा बड़ी श्रद्धा और लगन से करनी चाहिए. उनके आशीर्वाद और प्रेम से जीवन धन्य हो जाता है और उसे हर क्षेत्र में मान-सम्मन के साथ सफलता भी मिलती है.
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माता की सेवा : हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, माता का स्थान सर्वश्रेष्ठ होता है. उनके आशीर्वाद के बिना कोई भी कार्य पूरा नहीं हो सकता है. इस लिए जीवन में तरक्की और प्रगति के लिए माता की सेवा सच्चे मन से करनी चाहिए.
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गुरु की सेवा : विदुर नीति के अनुसार, गुरुजनों की हमेशा सेवा करनी चाहिए. उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन के बिना जीवन सफल नहीं हो सकता है.
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पिता की सेवा : विदुर नीति के अनुसार पिता का कद आसमान से भी ऊंचा होता है. वे परिवार की तरक्की के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. इसलिए अपने पिता की सदैव सेवा करनी चाहिए.
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आत्मा की सेवा : विदुर नीति के अनुसार लोगों को अपने शरीर को स्वस्थ और निरोगी रखना चाहिए. अपने मन मस्तिष्क में कलुषित और दूषित विचारों को नहीं आने देना चाहिए. क्योंकि ये तरक्की में बाधक होते है. इसलिए स्वयं की सेवा सबसे बड़ी सेवा है.
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अग्नि की सेवा : विदुर जी कहते हैं कि अग्नि हमारे जीवन का अभिन्न अंग है. इसके बिना यज्ञ का फल प्राप्त नहीं हो सकता है. इस लिए अग्नि की सेवा जरूर करनी चाहिए.
Published at : 07 Dec 2022 03:30 PM (IST)
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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
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