एक बार भारत आए तो लौट कर जाने का नहीं हुआ दिल, इन विदेशी हस्तियों को हमारे देश की धरती से हुआ ऐसा प्यार
मदर टेरेसा: यूगोस्लाविया में जन्मी मदर टेरेसा साल 1929 में भारत आई थीं. 1931 में वो नन बनी और फिर भारत में ही रहने लगी. यहां गरीब महिलाओं को आगे बढ़ाने और उनके उत्थान के लिए मदर टेरेसा ने खूब काम किए.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appटॉम ऑल्टर: टॉम ऑल्टर शक्लो सूरत से जितने विदेशी लगते थे अपनी बोली और लहजे से उतना ही भारतीय थे. कोई विदेशी इतनी साफ हिंदी और उर्दू बोल कर आपको चौंका सकता है तो वो सिर्फ टॉम ऑल्टर थे. टॉम ने कई फिल्मों में अपनी एक्टिंग के जौहर दिखाए. उनकी कला के लिए उन्हें पद्म श्री से भी नवाजा गया.
ग्रेगरी डेविड रॉबर्ट्स: ऑस्ट्रेलिया का बैंक लूटने के बाद साल 1980 के करीब ग्रेगरी डेविड रॉबर्ट्स भारत आए और लंबे समय तक इसी देश में रहे. यहीं रहकर उन्होंने ‘शांताराम’ भी लिखा. यहां रह कर उन्होंने गरीबों की खातिर कई काम भी किए.
बॉब क्रिस्टो: बॉब एक बार ऑस्ट्रेलिया छोड़ कर इंडिया आए और फिर यहीं का फिल्मी पर्दा उन्हें खूब रास आया. 1980 और 90 के दौर में वो कई हिंदी फिल्मों में नजर आए. जिसमें से ज्यादातर किरदार विलेन के रहे.
रोमिलस व्हिटेकर: न्यूजॉर्क में पले बड़े लेकिन रेन फॉरेस्ट कंजरवेशन और पर्यावरण के बारे में जानने समझने और उन्हें बचाने की ललक भारकत ले आई. इसके बाद वो यहां लंबे समय तक रहे. मद्रास स्नेक पार्क, अंडमान-निकोबार पर्यावरण ट्रस्ट और मद्रास स्थिति क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट के फाउंडर भी वही हैं.
रुडयार्ड किपलिंग: द जंगल बुक किताब का नाम तो आपने सुना ही होगा. भारत के रहस्यमयी जंगलों से इस दिलचस्प कहानी को ढूंढ निकालने वाले थे ब्रिटिश मूल के लेखक रुडयार्ड किपलिंग. जिसके बाद भारत उनके मन में बस गया और अपनी किताब के जरिए वो भारत के बच्चों के दिल में बस गए.
मार्क टली: ब्रिटेन के मार्क टली का नाम भारत की परंपराओं और संस्कृति के प्रेमी के रूप में भी लिया जाता है. वो बीबीसी के ब्यूरो के सबसे लंबे तक रहने वाले प्रमुखों में से एक हैं.
जिम कॉर्बेट: आयरिश मूल के जिम कॉर्बेट को जंगल और जंगली जीवों से खासा प्यार था. भारत के जंगलों की गहराइयों को समझना. बाघ और तेंदुओं की हरकतों को देखना समझना और उसके बाद उन्हें विलुप्त होने से बचाना उनके जीवन का मूल मकसद बन गया.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -