Mystery Of Kashi: शिव के त्रिशूल पर बसी है काशी! इन रहस्यों के बारे में जान हैरान रह जाएंगे आप
काशी नगरी को समझ पाना बहुत ही मुश्किल है और इसके इतिहास पर जाएं तो यह उतना ही समृद्ध भी है. जी हां, आज हम आपको काशी के कुछ ऐसे ही रहस्यों के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में शायद ही आप जानते हो. इसलिए तो कहा जाता है कि काशी को हर किसी को समझ पाना बस की बात नहीं है.
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View In Appसबसे पुराने शहरों में से एक काशी की पौराणिक कथाओं से जुड़े कई रहस्य है, जिसके बारे में आज हम आपको बताएंगे.
भगवान शिव के त्रिशूल पर बसा है काशी: ऐसी मान्यता है कि हिन्दू धर्म के लिए विशेष काशी को भगवान त्रिशूल पर बसाया गया है. जी हां, भगवान शिव ने अपने त्रिशूल को आगे किया, जिस पर काशी का निर्माण किया गया.
काशी को माना जाता है शिव का निवास स्थान: भगवान शिव को काशी इनती भा गई थी कि उन्होंने विष्णु भगवान से काशी को अपना निवास स्थान बनाने की मांग की, तभी से यह महादेव का निवास स्थान कहलाता है.
महाशमशान के नाम से भी विख्यात है काशी: काशी के एक नहीं बल्कि कई नाम है. वैसे तो लोग इसे अभी बनारस, वाराणसी और काशी के नाम से जानते हैं पर इसे मोक्ष का शहर महाशमशान के अलावा प्राचीन काल में अविमुक्ता, आनंदवन और रुद्रावास के नाम से भी जाना जाता है.
हिन्दू धर्म की काशी में हुई थी स्थापना: काशी को ही संस्कृति का केंद्र माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यही पर हिन्दू धर्म की स्थापना हुई थी.
कुंड के पानी से संतान की सुख की होती है प्राप्ति: आज तक लोलार्क कुंड में कहां से पानी आता है किसी को पता नहीं चल पाया है. ऐसा माना जाता है कि इस कुंड में पानी पाताल लोक से आता है. वहीं, ऐसा माना जाता है कि इस कुंड में शुक्ल पक्ष के भाद्रपद में सूरज की किरणें पड़ती है, जिसकी वजह से बालासन योग जैसा आकार बनता है और इसी दौरान अगर कोई महिला यहां नहाती है तो उसे संतान की सुख की प्राप्ती होती है.
यहां दर्शन किए बिना नहीं होती मोक्ष की प्राप्ति: दरअसल ऐसी मान्यता है कि काल भैरव को काशी का चौकीदार माना जाता है. यही कारण है कि इनके दर्शन के बिना आत्मा का स्वर्ग में जाने का रास्ता पूरा नहीं हो पाता. अगर किसी को माक्ष चाहिए तो यहां के दर्शन आवश्यक है.
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