Religious Trip: ताजमहल के बाद मथुरा का ये मंदिर है प्रेम का प्रतीक, विदेशी सैलानियों के बीच बेहद फेमस
मथुरा के वृंदावन का प्रेम मंदिर आगरा के ताजमहल जैसा ही प्रेम का प्रतीक है. यह प्रेम मंदिर भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्वभर में लोगों के बीच फेमस है. इस मंदिर को देखने के लिए केवल भारत के ही नहीं बल्कि विदेशी सैलानी भी आते हैं.
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View In Appइस मंदिर की शांति और भव्य कारीगरी लोगों को यहां पर घंटों तक निहारने पर मजबूर कर देती है. आज हम आपको इस प्रेम मंदिर की कुछ रोचक तथ्यों से रूबरू कराने आए हैं. जिसके बारे में आप सुनकर शायद एक बार यहां आने पर मजूबर हो जाएं.
11 साल में तैयार हुआ ये मंदिर भगवान श्री कृष्ण राधा और राम सीता को समर्पित है. इसकी स्थापना पांचवें जगदगुरु कृपालु महराज ने कराई थी.
125 फीट की ऊंचाई वाला इस मंदिर का निर्माण 2001 में शुरू हुआ जिसे पूरा साल 2012 में किया गया. इस मंदिर का निर्माण इटली से मंगवाए गए संगमरमर के पत्थरों से किया गया है.
दिवाली और होली में तो इस मंदिर की खूबसूरती देखते बनती है. वहीं मंदिर में स्थपित श्री कृष्ण की झांकियां देखते ही बनती है. यहां पर सीता राम का खूबसूरत फूल बंगला भी है. अन्य चीजें भी हैं जैसे फव्वारे, श्रीगोवर्धन धारणलीला, कालिया नाग दमनलीला और झूलन लीलाएं जो यहां की खूबसूरती में चार चांद लगा देती हैं.
रात में इस मंदिर की सुंदरता देखते बनती है. दिन में ये एकदम सफेद दिखती है जबकि शाम को यह रंगीन रोशनी के बीच जगमगा उठती है. यहां की स्पेशल लाइटिंग हर 30 सेकेंड में मंदिर का रंग बदलती नजर आएगी.
मंदिर में सत्संग के लिए बहुत बड़ा भवन भी तैयार किया गया है जिसमें 25 हजार लोग एक साथ बैठ सकते हैं. इसे प्रेम भवन भी कहते हैं.
यहां पहुंचने के लिए मथुरा रेलवे स्टेशन आना होगा जहां से ये मंदिर 12 किमी की दूरी पर है. वहीं हवाई अड्डा के लिए आपको आगरा आना होगा और वहां से आप रोड के रास्ते 54 किमी की दूरी तय कर के पहुंच सकते हैं.
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