Silk Saree: असली बनारसी और कांजीवरम साड़ी की कैसे करें पहचान, जानिए दोनों में क्या है फर्क
अगर आप सिल्क की साड़ियों की शौकीन हैं तो आपको बनारसी सिल्क और कांजीवरम में फर्क पता होना चाहिए. ये दोनों ही क्लासी सिल्क हैं, लेकिन इनमें फर्क ये है कि बनारसी साड़ी बनारस में बनती हैं और कांजीवरम साड़ियां साउथ से संबंधित हैं.
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View In Appबनारसी साड़ियों में मुगल काल के प्रिंट्स की झलक देखने को मिलती है. रेशम से बनी बनारसी साड़ियों पर फोलेट मोटिफ्स, कलगा और बेल, पत्तियों वाला डिजाइन मिलता है.
कांजीवरम साड़ियां तमिलनाडु में कांचीपुरम से संबंधित हैं. कांजीवरम साड़ियों में सुनहरे धागे का इस्तेमाल होता है, जबकि बनारसी साड़ियों में जरी का इस्तेमाल किया जाता है.
आप असली बनारसी साड़ी की पहचान उसके पारंपरिक डिजाइन और पल्लू में लगे प्लेन सिल्क फैब्रिक से कर सकते हैं. इन साड़ियों पर मुगल पैटर्न के प्रिंट होते हैं.
सिल्क चाहे बनारसी हो या कांजीवरम असली फैब्रिक में एक अलग चमक होती है. आप कांजीवरम साड़ी की जरी को खुरच कर देख लें. अगर नीचे लाल सिल्क निकले तो ये असली कांजीवरम है.
कांजीवरम साड़ी अलग-अलग रंग के धागों के इस्तेमाल से बनी होती है. रोशनी के कोण बदलने पर साड़ी का रंग भी बदलता हुआ नज़र आता है.
असली सिल्क की पहचान है कि ये बहुत हल्की होती है. इसे आप एक अंगूठी के बीच से निकाल सकते हैं. हालांकि जरी का काम होने से बनारसी साड़ी भारी हो जाती हैं.
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