30 बकरियां बेच शौचालय बनवाकर 'स्वच्छता दूत' बनीं कुंवरबाई नहीं रहीं, पीएम ने छुए थे पैर
कुंवरबाई यादव ने पहले तो अपने घर में शौचालय बनवाया था और फिर पूरे गांव में 104 साल की उम्र में घूम-घूम कर लोगों को बताया. गांववालों को प्रेरणा मिली और पूरे गांव ने कुंवरबाई यादव की बात मानी. कुंवरबाई के पैर में दर्द रहता था और उन्हें चलने में परेशानी होती थी इसके बाद भी वे पीछे नहीं रहीं और बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. इसी के मद्देनर पीएम मोदी ने खुद उनका सम्मान किया था.
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View In Appकुंवरबाई ने अपने घर में शौचालय बनवाने के लिए अपनी 30 बकरियां बेच दी थीं. इसके लिए उन्होंने चारों ओर काफी तारीफ भी बटोरी थी. साल 2016 में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में पीएम मोदी श्यामा प्रसाद मुखर्जी शहरी मिशन के शुभारंभ में आए थे. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंवरबाई को सम्मानित किया और साथ ही उनके पैर भी छुए थे. इसके बाद उन्हें स्वच्छ भारत अभियान का शुभंकर चुना गया था.
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले की 106 साल की कुंवरबाई की शुक्रवार को इलाज के दौरान मौत हो गई. कुंवरबाई बकरी बेचकर शौचालय बनवाने के बाद सुर्खियों में आई थीं. जिसके बाद उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता दूत बनाया था.
गांव में जिनके पास पैसों की कमी थी, कुंवरबाई ने टॉयलेट बनवाने में उनकी मदद भी की. आज कोटभर्री गांव में हर घर में टॉयलेट है. उनकी इस मुहिम के बारे में जब कई एजेंसियों को पता चला तो उन एजेंसियों ने उनकी मदद की.
कोटार्भी की निवासी कुंवरबाई शुक्रवार को अपने घर ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाने से बेहोश हो गई थीं. जिसके बाद परिजनों ने 19 फरवरी को उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया था.
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