मोस्ट फेवर्ड नेशन दर्जा और उसके व्यापारिक, राजनैतिक माइने
18 सितंबर को उरी में हुए आतंकी हमले के बाद से ही पूरा देश आक्रोश में था. भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान सदमे में है. भारत सरकार के इस कदम से पूरा देश खुश है. भारतीय सेना की इस कार्रवाई के बाद अभी फिलहाल MFN पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. अब देखना ये है कि भारत सरकार की इस कार्रवाई के बाद सरकार पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापिस लेती है या नही.
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View In Appभारत-पाक व्यापार को लेकर एक मजेदार बात ये भी है कि भारत विश्व के कई और देशों के साथ व्यापार करता है और पाकिस्तान भारत से व्यापार करने वाले देशों की सूची में 47वें स्थान पर है. भारत पाकिस्तान से ज्यादा व्यापार तो अंगोला, चिली और तुर्की से करता है. अगर भारत पाकिस्तान के बीच व्यापार खत्म हो जाता है तो भारत को बहुत कम नुकसान होगा. भारत पाकिस्तान एक दूसरे के पड़ोसी देश हैं इसलिए इन दोनों देशों को ही निर्यात और आयात में काफी कम समय लगता है और दोनों देशो को काफी फायदा भी होता है.
पाकिस्तान और भारत के बीच काफी व्यापार होता है. इस बात को लेकर कोई दो राय नहीं है. पाकिस्तान ने भारत से वर्ष 2016 में 782 मिलियन डॉलर का कॉटन, 184 मिलियन डॉलर के ऑर्गेनिक कैमिकल्स, 117 मिलियन डॉलर के प्लास्टिक और उससे बने प्रोडक्ट, 105 मिलियन डॉलर की सब्जियां और 104 मिलियन डॉलर के स्टेपल फाइबर खरीदे थे. तो वहीं, भारत ने पाकिस्तान से वर्ष 2016 में 137 मिलियन डॉलर के मिनरल फ्यूल, 83 मिलियन डॉलर के फल, 74 मिलियन डॉलर का सिमेंट सॉल्ट, 40 मिलियन डॉलर का कॉटन और 14 मिलियन डॉलर के इनऑर्गेनिक कैमिकल्स खरीदे थे.
आजकल बड़ी ही आसानी से लोगों को MFN यानी की मोस्ट फेवर्ड नेशन पर बात करते सुना जा सकता है. मोस्ट फेवर्ड नेशन क्या है, इसको छीन लेने से पाकिस्तान पर क्या असर पड़ेगा, मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा किसी देश को क्यों दिया जाता है?. इन सभी मूल प्रश्नों का उत्तर जानें बिना हम ये कभी नहीं समझ सकते की इसे छीन लेने से पाकिस्तान पर क्या असर पड़ेगा और क्या इसे वापस लेने से भारत को भी नुकसान झेलना पड़ सकता है? 1995 में विश्व व्यापार संगठन की स्थापना हुई. इस महत्वूर्ण संगठन का काम विश्व व्यापार के लिए दिशा निर्देश तय करना था.
मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा जिस किसी भी देश को दिया जाता है उस देश को व्यापार में अधिक प्राथमिकता दी जाती है. साथ ही इसको प्राप्त करने वाले देश को ये भी आश्वासन दिया जाता है कि MFN देश को विश्व व्यापार संगठन द्वारा तय किए गए नियमों के अलावा और किसी भी व्यापार नियम के झंझट में नहीं पड़ना होगा. भारत ने पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा 1996 में दिया. जिसके बाद से ही पाकिस्तान को आयात-निर्यात में विशेष छूट तो मिलती ही है साथ ही में MFN दर्जा होने के चलते पाकिस्तान को कारोबार में सबसे कम आयात शुल्क देना होता है. अगर भारत पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लेता है तो पाकिस्तान काफी मुश्किल में पड़ सकता है.
अगर भारत ऐसा करता है तो हो सकता है पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार ही खत्म कर दे. अगर ऐसा हुआ तो थोड़ा नुकसान भारत को भी उठाना पड़ सकता है. सबसे बड़ा प्रश्न तो ये उठता है कि भारत ने 1996 में ही पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दे दिया था लेकिन आज 20 सालों के बाद भी पाकिस्तान ने भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा क्यों नही दिया है? ऐसा पाकिस्तान ने क्यों किया इस बात पर अभी तक खुलकर चर्चा नहीं हो पाई है. विश्व व्यापार संगठन में पाकिस्तान की ट्रेड पॉलिसी की समीक्षा पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान 2015 से भारत को Non-Discriminatory Market Access का दर्जा देने की प्रक्रिया में है. लेकिन अब तक ये संभव नहीं हो पाया है.
पाकिस्तान और भारत के बीच काफी व्यापार होता है. इस बात को लेकर कोई दो राय नहीं है. पाकिस्तान ने भारत से वर्ष 2016 में 782 मिलियन डॉलर का कॉटन, 184 मिलियन डॉलर के ऑर्गेनिक कैमिकल्स, 117 मिलियन डॉलर के प्लास्टिक और उससे बने प्रोडक्ट, 105 मिलियन डॉलर की सब्जियां और 104 मिलियन डॉलर के स्टेपल फाइबर खरीदे थे. तो वहीं, भारत ने पाकिस्तान से वर्ष 2016 में 137 मिलियन डॉलर के मिनरल फ्यूल, 83 मिलियन डॉलर के फल, 74 मिलियन डॉलर का सिमेंट सॉल्ट, 40 मिलियन डॉलर का कॉटन और 14 मिलियन डॉलर के इनऑर्गेनिक कैमिकल्स खरीदे थे.
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