IN PICS: मुंबई अटैक में बाल-बाल बचे मोशे से मिले PM मोदी, कुछ ऐसे जताया प्यार
मोशे की देखभाल करने वाली सहायिका सांद्रा भी इमारत में मौजूद थी, लेकिन वह एक कमरे में सीढ़ियों के नीचे छिपकर जान बचाने में सफल रही थी. वह तब बाहर आई जब उसने मोशे के रोने की आवाज सुनी और उसे उसके माता-पिता के शवों के बीच खड़े पाया. उसने उसे गोद में उठाया और इमारत से बाहर निकल गई. इस इमारत को 'नरीमन हाउस' नाम से भी जाना जाता है जो व्यापक नवीनीकरण के बाद 2014 में फिर से खुला.
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View In Appमोशे के दूसरे जन्मदिन से थोड़ा पहले पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में कई जगह हमले किए थे. उन्होंने चाबड हाउस को भी अपना निशाना बनाया था. इस हमले में मोशे के पिता-माता रब्बी गेवरियल और रिवका होल्ट्जबर्ग मारे गए थे. वे चाबड हाउस के निदेशक थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने मोशे से कहा, भारत आओ और मुंबई में रहो. तुम्हारा स्वागत है. तुम्हें और तुम्हारे परिवार के सदस्यों को लॉन्गटर्म वीजा मिलेंगे. इसलिए तुम किसी भी समय आ सकते हो और कहीं भी जा सकते हो. बाद में मोदी ने ट्वीट किया, मोशे, उसके दादा दादी और नाना नानी तथा उसकी आया सुश्री सांद्रा सोलोमन से मुलाकात भावुक क्षण था . इस लड़के ने मोदी को एक तस्वीर भेंट की. मोदी ने कहा, इस विशेष उपहार के लिए तुम्हारा धन्यवाद. मोशे से मुलाकात का प्रधानमंत्री मोदी का फैसला उनके परिवार के लिए भावुक क्षण रहा.
मोशे ने कहा, प्रिय श्री मोदी मैं आपसे और भारत में लोगों से प्रेम करता हूं. मैं आफुला में रहता हूं, लेकिन नरीमन हाउस से अपने रिश्ते के बारे में हमें याद है... मैं आशा करता हूं कि मुंबई का दौरा कर सकूंगा और जब मैं बड़ा हो जाउंगा तो वहां रह सकूंगा. उसने कहा, मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं- कृपया मेरे लिए यह स्नेह हमेशा बरकरार रखिए. आपका धन्यवाद. मेरे माता पिता को हमेशा याद रखिए. मुंबई हमले के समय मोशे महज दो साल का था और अब उसकी उम्र 11 साल है. मोदी ने मोशे, उसके दादा-दादी तथा उसकी देखभाल करने वाली सहायिका सांद्रा सैम्यूल्स से मुलाकात की. मुंबई में नरीमन हाउस पर आतंकवादियों के हमले के दौरान सांद्रा मोशे को लेकर बाहर निकल गई थी.
मोशे ने मोदी का स्वागत करते हुए हिंदी में संबोधन दिया. उसने कहा, हमारे देश में आपका स्वागत है. इस पर मोदी ने उसको प्यार से गले लगाया और कहा कि उसका भारत में स्वागत है और उसे लॉन्ग टर्म वीजा दिया जाएगा.
मुंबई में 2008 के आतंकी हमले में बाल-बाल बचे और अपने माता-पिता को खोने वाले इस्राइली लड़के मोशे होल्ट्जबर्ग ने फिर से मुंबई लौटने और रहने की ख्वाहिश की. उसने अपनी यह ख्वाहिश उस समय जाहिर की जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उसने मुलाकात की. वह इस्राइल में अपने दादी-दादा के साथ रहता है.
मोशे अब अपने दादा-दादी रब्बी शिमोन रोसेनबर्ग और येहुदित रोसेनबर्ग के साथ आफुला में रहता है. सांद्रा सैम्यूल्स (53) को सितंबर, 2010 में इस्राइल की मानद नागरिकता दी गई थी. वह अक्सर यरूशलम स्थित अपने घर से मोशे और उसके दादा-दादी से मिलने जाती रहती हैं. सैम्यूल्स को भी प्रधानमंत्री से मिलने के लिए आमंत्रित किया गया.
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