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Mothers Day Special 2018: देश की राजनीति पर 'राज' करने वाले पांच मां और बेटों की कहानी

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राबड़ी-तेजप्रताप-तेजस्वी: सबसे पहले बात करेंगे बिहार की सीएम राबड़ी और उनके दो बेटों तेजस्वी और तेज प्रताप के बारे में जिनका अपनी मां से काफी जुड़ाव है. मां राबड़ी देवी अपने बेटों के कठिन समय में हमेशा साथ रहती हैं. बता दें कि राबड़ी देवी बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी उन्होंने साल 1997 को सीएम पद की शपथ ली थी. वहीं राबड़ी देवी के छोटे बेटे और बड़े बेटे दोनों ही अलग-अलग विधानसभाओं से विधायक हैं. साल 2017 में महागठबंधन कर सत्ता में आई नीतिश कुमार की सरकार में तेजस्वी यादव उप-मुख्यमंत्री भी रहे हैं तो वहीं बड़े भाई तेज प्रताप यादव भी सरकार में मंत्री थे.
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लेकिन मेनका ने भी अपनी सास इंदिरा और जेठानी सोनिया की तरह वरुण की बिल्कुल सही परवरिश की और उन्हें अपने परिवार के नक्शे कदम पर राजनीति में सक्रिय किया. आज भले ही सोनिया और मेनका के बीच सबकुछ ठीक ना हो. लेकिन मेनका ने वरुण को ऐसे संस्कार दिए जिससे वो अकसर परिवार के कार्यक्रमों में सोनिया, राहुल, प्रियंका से भाई बहनों की तरह ही मिलते हैं.
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आज दुनियाभर में मदर्स-डे मनाया जा रहा है ऐसे में आज हम आपको राजनीति से जुड़े मां और बेटों की कहानी बताने जा रहे हैं. राजनीति के गलियारों में कामयाबी की सीढ़ी चढ़ने वाली मां और बेटों की कई जोड़िया हैं. आइए आगे की स्लाइड में भी हम आपको ऐसे ही मां-बेटे की कहानी बताएंगे.
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अपनी मां वसुंधरा के नक्शेकदम पर चलते हुए ही दुष्यंत ने बीजेपी थामी और राजनीति का गणित सीखा. वसुंधरा एक मां होने के नाते दुष्यंत के हर निर्णय पर सलाह भी देती हैं. आपको बता दें कि दुष्यंत ने देहरादून के दून स्कूल से पढ़ाई की. फिर इसके बाद उन्होंने ग्रैजुएशन दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से किया. दुष्यंत ने पोस्ट ग्रैजुएशन (होटल मैनेजमेंट) में अमेरिका के एक कॉलेज से किया है. (तस्वीरें: फेसबुक)
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मौजूदा समय में जहां वसुंधरा राजस्थान की मुख्यमंत्री हैं. वहीं उनके बेटे दुष्यंत राजस्थान के झालावाड़ से सांसद हैं. आपको बता दें कि ग्वालियर के सिंधिया खानदान की बेटी वसुंधरा राजे ग्वालियर से मौजूदा सांसद ज्योतिरादित्य की बुआ भी हैं. वसुंधरा की शादी साल 1972 में धौलपुर के राजघराने में हुई थी. जिसके बाद से वो राजस्थान की राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हो गईं.
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वसुंधरा-दुष्यंत: गांधी परिवार के बाद इस लिस्ट में सिंधिया परिवार में भी मां-बेटे की नज़दीकी सबके सामने है. राजस्थान का राजघराना सिंधिया खानदान यानि सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया और उनके बेटे दुष्यंत सिंह. राजस्थान पर एकछत्र राज करने वाली वसुंधरा की जिंदगी बहुत ही खास है.
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मेनका-वरुण: गांधी परिवार की ही एक और पीढ़ी राजनीति में सत्ता पर काबिज़ हैं. हम बात कर रहे हैं मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी. मेनका अभी वर्तमान सरकार में महिला और बाल विकास मंत्रालय का पद संभाल रही है. वहीं उनके बेटे वरुण गांधी पीलीभीत से सांसद हैं. मेनिका इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय की पत्नी हैं. बता दें कि मेनका और वरुण दोनों ही बीजेपी से सांसद हैं. जब मेनका 23 साल की और उनके बेटे वरुण गांधी 100 दिन के ही थे तब उनके पति संजय का निधन हो गया था.
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आयरन लेडी इंदिरा गांधी अपने बेटे संजय से कितना प्यार करती थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब उनके बेटे संजय गांधी का निधन हुआ तो इतनी मजबूत शख्सियत होने के बावजूद अपनी हिम्मत खो बैठीं. जैसे ही यह खबर उनकी मां यानी पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को पता चली तो वो फूट-फूट कर रोई और इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाई.
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इंदिरा-संजय: राजीव की तरह ही पीएम इंदिरा गांधी और उनके छोटे बेटे संजय गांधी की कहानी बताना भी जरुरी है. जब इंदिरा देश की पहली महिला पीएम बनी थी उनके ऊपर देश की तो कमान थी ही साथ ही दोनों बेटे राजीव और संजय का भी भार था. लेकिन उन्होंने इस समय भी अपने परिवार की जिम्मेदारी संभाली.
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इंदिरा-राजीव: अब इस कड़ी में हम आपको देश की पहली पीएम इंदिरा गांधी और उनके बड़े बेटे राजीव गांधी के बारे में बताने जा रहे है. बता दें कि देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद उनकी बेटी इंदिरा गांधी के कंधे पर सारा दारोमदार आ गया था. फिर दो साल बाद साल 1966 में इंदिरा गांधी देश की पहली महिला पीएम बनी. देश के इतने बड़े औहदे पर होने के बावजूद उन्होंने अपने बच्चों के लालन-पालन में कोई कमी नहीं आने दी.
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इंदिरा अपने दोनों बच्चों से बहुत प्यार करती थी. मां-बेटे का यह प्यार तब सार्वजनिक रुप से देखने को मिला जब राजीव ने इटली की लड़की सोनिया गांधी से शादी की. इस शादी को इंदिरा गांधी ने भी स्वीकार किया. देश की आयरन लेडी के रुप में पहचानी जाने वाली इंदिरा की मृत्यु के बाद उनके बड़े बेटे राजीव ने साल 1984 में पीएम पद संभाला.
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इन मां-बेटे के प्यार को लोगों ने हर वक्त देखा फिर वो चाहे राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना हो या फिर विपक्ष को घेरने में राहुल का बचाव करना हो. बता दें कि बीते साल 16 दिसंबर, 2017 को राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने हैं. इससे पहले इस पद पर उनकी मां सोनिया गांधी आसीन थीं. दोनों का ताल्लुक देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू परिवार से है.
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सोनिया-राहुल: ऐसी ही एक सफल जोड़ी है कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी की. बता दें कि उनकी मां और गांधी परिवार की बहु सोनिया गांधी ऐसी पहली महिला है जिन्होंने आज़ादी के बाद साल 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला. साल 1991 में राजीव गांधी के निधन के बाद सोनिया गांधी ने राहुल को वैसे ही परवरिश दी जैसी पिता राजीव गांधी चाहते थे.
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