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First Woman Combat Aviator: कैप्टन अभिलाषा बराक ने देश की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर बन रचा इतिहास
कैप्टन अभिलाषा बराक ने देश की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर
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सेना की एविएशन कोर में पहली बार एक महिला पायलट चुनी गई हैं. खास बात ये है कि कैप्टन अभिलाषा बराक कॉम्बेट पायलट के तौर पर सेना में चुनी गई हैं और रुद्र और एलसीएच जैसे अटैक हेलीकॉप्टर उड़ा सकेंगी.
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थलसेना के मुताबिक, एविएशन कोर के इतिहास में ये स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाने वाला दिन है क्योंकि पहली बार कोई महिला ऑफिसर कॉम्बेट-एविएटर के तौर पर चुनी गई हैं. बुधवार को नासिक (महाराष्ट्र) स्थित कॉम्बेट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल के दीक्षांत समारोह में कैप्टन अभिलाषा बराक सहित कुल 36 आर्मी पायलट्स को 'विंग्स' प्रदान किए गए. एविएशन कोर के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सूरी ने कैप्टन अभिलाषा सहित सभी पायलट्स को विंग्स प्रदान किए. इन विंग्स के प्रदान करने के बाद से ये सभी पायलट्स सेना के रुद्र और लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर यानि एलसीएच उड़ाने के लिए तैयार हो गए हैं.
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सेना की एविएशन कोर को वर्ष 1986 में स्थापित किया गया था. एविएशन कोर के हेलीकॉप्टरर्स की जिम्मेदारी सेना की आखिरी चौकी पर तैनात सैनिकों को खाना-राशन हथियार और दूसरा जरुरी सामान पहुंचाना है. ये ऐसी चौकियां हैं जहां सड़क मार्ग से नहीं पहुंचा जा सकता है. खासतौर से सियाचिन ग्लेशियर, एलओसी, पूर्वी लद्दाख, अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम में सेना की कई ऐसी पोस्ट हैं जहां सड़क के रास्ते नहीं पहुंचा जा सकता है. वहां पर एविएशन कोर के हेलीकॉप्टर ही ओपरेट करते हैं. हाल के सालों में एविएशन कोर में स्वदेशी रुद्र और एलसीएच हेलीकॉप्टर भी शामिल किए गए हैं. ये अटैक हेलीकॉप्टर दुश्मन की सीमा में घुसकर आक्रमण करने और आतंकियों के अड्डों को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किए जाने के लिए सेना के जंगी बेड़े में शामिल किए गए हैं.
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बुधवार को कैप्टन अभिलाषा सहित सभी 36 कॉम्बेट एविएटर्स इन्ही रुद्र हेलीकॉप्टर और एलसीएच उड़ाएंगे. सेना की सबसे नई कोर में से एक एविएशन कोर का आदर्श वाक्य है, स्विफ्टि एंड श्योर. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में एविएशन कोर की टेक्टिकल इम्पोर्टेंस बढ़ने जारी है और एक फोर्स-मल्टीप्लायर के तौर पर आर्मी की मदद करेगी. कैप्टन अभिलाषा मूलत: हरियाणा के पंचकुला की रहने वाली हैं और उनके पिता भी सेना में बतौर कर्नल के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. कैप्टन अभिलाषा वर्ष 2018 में सेना की एयर डिफेंस कोर में शामिल हुई थीं और कई प्रोफेशनल मिलिट्री कोर्स कर चुकी है. कॉम्बेट एविएटर बनने के लिए उन्होनें अपने बाकी पायलट साथियों की तरह ही छह महीने का कोर्स किया है.
Published at : 25 May 2022 08:02 PM (IST)
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