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Bakrid 2021: तस्वीरों में देखिए किस तरह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया बकरीद का त्योहार
![](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/21/2e10d7768ed5dcaaccd60820baff6306_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बकरीद के त्योहार को कुर्बानी के दिन के रूप में भी याद किया जाता है
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![कोरोना महामारी के साये के बीच देशभर में हर्षोल्लास से ईद-उल-अजहा का त्योहार मनाया जा रहा है. इस मौके पर अधिकतर लोगों ने नमाज घर में ही पढ़ी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/21/81d37d4a27dc37e1481ea9c00bd504124ff9d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कोरोना महामारी के साये के बीच देशभर में हर्षोल्लास से ईद-उल-अजहा का त्योहार मनाया जा रहा है. इस मौके पर अधिकतर लोगों ने नमाज घर में ही पढ़ी.
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![बकरीद पर मस्जिदों में आमतौर पर दिखने वाली हलचल और रौनक नदारद रही. पुरानी दिल्ली की जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद लोगों के लिए बंद थी. भीड़ जमा न हो, इसके लिए मस्जिदों के बाहर पुलिस भी तैनात की गई.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/21/d2fb86326f0de672e3ad1e11e60059c1d01c5.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बकरीद पर मस्जिदों में आमतौर पर दिखने वाली हलचल और रौनक नदारद रही. पुरानी दिल्ली की जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद लोगों के लिए बंद थी. भीड़ जमा न हो, इसके लिए मस्जिदों के बाहर पुलिस भी तैनात की गई.
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![रमजान की ईद के 70 दिनों बाद बकरीद मनाई जाती है. बकरीद को ईद-अल-अजहा या फिर ईद-उल-जुहा भी कहा जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/21/0431f1bbcbf4434f8b5fc837bd2c86dd3ce99.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
रमजान की ईद के 70 दिनों बाद बकरीद मनाई जाती है. बकरीद को ईद-अल-अजहा या फिर ईद-उल-जुहा भी कहा जाता है.
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![पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लोगों को घर पर ही ईद मनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इमामों के साथ बैठकें की गयी थीं, ताकि कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर सभी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है और गश्त भी बढ़ा दी गई है ताकि त्योहार पर भीड़ एकत्रित ना हो.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/21/db3a17f7bcac837ecc1fe2bc630a5473a2c94.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लोगों को घर पर ही ईद मनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इमामों के साथ बैठकें की गयी थीं, ताकि कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर सभी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है और गश्त भी बढ़ा दी गई है ताकि त्योहार पर भीड़ एकत्रित ना हो.
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![हमारे देश के अलावा किसी भी और जगह पर ईद-अल-अजहा को बकरीद नहीं कहा जाता है. आज के दिन आमतौर पर बकरे की कुर्बानी दी जाती है, इसलिए हमारे देश में इसे बकरीद भी कहते हैं. आज के दिन बकरे को अल्लाह के लिए कुर्बान कर दिया जाता हैं. इस धार्मिक प्रक्रिया को फर्ज-ए-कुर्बान कहा जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/21/abcd6c5e523d388fd5bc1513f6588c7304e77.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
हमारे देश के अलावा किसी भी और जगह पर ईद-अल-अजहा को बकरीद नहीं कहा जाता है. आज के दिन आमतौर पर बकरे की कुर्बानी दी जाती है, इसलिए हमारे देश में इसे बकरीद भी कहते हैं. आज के दिन बकरे को अल्लाह के लिए कुर्बान कर दिया जाता हैं. इस धार्मिक प्रक्रिया को फर्ज-ए-कुर्बान कहा जाता है.
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![आज के दिन नमाज अदा करने के बाद बकरों की कुर्बानी दी जाती है. कुर्बानी पर गरीबों का खास ख्याल रखा जाता है. कुर्बानी के गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं. जिसका एक हिस्सा गरीबों को दिया जाता है, दूसरे हिस्से को दोस्तों, सगे संबंधियों में बांटा जाता है. वहीं तीसरे हिस्से को खुद के लिए रखा जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/21/421ab2538e111f700ef3ec2a86461e66e9972.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
आज के दिन नमाज अदा करने के बाद बकरों की कुर्बानी दी जाती है. कुर्बानी पर गरीबों का खास ख्याल रखा जाता है. कुर्बानी के गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं. जिसका एक हिस्सा गरीबों को दिया जाता है, दूसरे हिस्से को दोस्तों, सगे संबंधियों में बांटा जाता है. वहीं तीसरे हिस्से को खुद के लिए रखा जाता है.
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![ईद-अल-अजहा या बकरीद मनाए जाने के पीछे मुसलमानों का मानना है कि पैगंबर इब्राहिम की कठिन परीक्षा ली गई थी. इसके लिए अल्लाह ने उनको अपने बेटे पैगम्बर इस्माइल की कुर्बानी देने को कहा था. इसके बाद इब्राहिम आदेश का पालन करने को तैयार हुए.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/21/d42e73393859be3e9f420b56856c663fb00ae.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ईद-अल-अजहा या बकरीद मनाए जाने के पीछे मुसलमानों का मानना है कि पैगंबर इब्राहिम की कठिन परीक्षा ली गई थी. इसके लिए अल्लाह ने उनको अपने बेटे पैगम्बर इस्माइल की कुर्बानी देने को कहा था. इसके बाद इब्राहिम आदेश का पालन करने को तैयार हुए.
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![कहा जाता है कि बेटे की कुर्बानी से पहले ही अल्लाह ने उनके हाथ को रोक दिया. इसके बाद उन्हें एक जानवर जैसे भेड़ या मेमना की कुर्बानी करने को कहा गया. इस प्रकार उस दिन से लोग बकरीद को मनाते आ रहे हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/21/fd2910d61a1a84d7715aecabfcfb57157a560.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कहा जाता है कि बेटे की कुर्बानी से पहले ही अल्लाह ने उनके हाथ को रोक दिया. इसके बाद उन्हें एक जानवर जैसे भेड़ या मेमना की कुर्बानी करने को कहा गया. इस प्रकार उस दिन से लोग बकरीद को मनाते आ रहे हैं.
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![ईद-अल-अजहा या बकरीद को लेकर बीते कई दिनों से तैयारियां जोरों पर थी. बकरीद के त्योहार को कुर्बानी के दिन के रूप में भी याद किया जाता है](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/21/0279ed35f556404737a354efe388b30305560.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ईद-अल-अजहा या बकरीद को लेकर बीते कई दिनों से तैयारियां जोरों पर थी. बकरीद के त्योहार को कुर्बानी के दिन के रूप में भी याद किया जाता है
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![इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रमजान के दो महीने बाद कुर्बानी का त्योहार बकरीद आता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/21/9cc0951e39dfb8446a3648683076a41f408e1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रमजान के दो महीने बाद कुर्बानी का त्योहार बकरीद आता है.
Published at : 21 Jul 2021 01:22 PM (IST)
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उत्कर्ष सिन्हा
Opinion