Beating Retreat Ceremony: दिल्ली के 'विजय चौक' पर जगमगाया आसमान, खास हुआ आजादी के 75 साल का जश्न, देखें तस्वीरें
दिल्ली के ऐतिहासिक विजय चौक पर शनिवार को बीटिंग रिट्रीट समारोह के दौरान आसमान में करीब 1000 ड्रोन की रोशनी ने देश की आजादी के 75 साल को दर्शाती हुई शानदार तस्वीर उकेरीं. ड्रोन शो से लेकर प्रोजेक्शन मैपिंग शो तक, इस साल के समारोह में पहली बार कई नयी शुरुआत हुई.
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View In Appपिछले 70 से अधिक वर्षों में पहली बार महात्मा गांधी की पसंदीदा धुन ‘अबाइड विद मी’ इस बार विजय चौक पर नहीं सुनाई दी, जहां महामारी के बीच मास्क लगाकर गणमान्य व्यक्ति और अन्य लोग एकत्र हुए. 'अबाइड विद मी’ की धुन के स्थान पर लोकप्रिय देशभक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ की धुन सुनाई दी, जिसे कवि प्रदीप ने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान की याद में लिखा था.
समारोह के दौरान बैकग्राउंड में संगीत के साथ लगभग 10 मिनट तक आसमान स्वदेशी तकनीक के माध्यम से तैयार ड्रोन की रोशनी से जगमगा उठा. नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक की दीवारों पर आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो ने समां बांध दिया. इस दौरान भारतीय थल सेना, नौसेना, वायु सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के बैंड की धुनें गूंज रही थीं.
शुरुआती बैंड ने ‘वीर सैनिक’ की धुन बजाई, उसके बाद पाइप्स एंड ड्रम बैंड, सीएपीएफ बैंड, एयर फोर्स बैंड, नेवल बैंड, आर्मी मिलिट्री बैंड और मास बैंड ने प्रस्तुतियां दीं. समारोह के प्रिंसिपल कंडक्टर कमांडर विजय चार्ल्स डिक्रूज थे. ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए इस बार समारोह में नयी धुनें जोड़ी गईं. इनमें ‘केरल’, ‘हिंद की सेना’ और ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ की धुनें थीं.
राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल वी आर चौधरी और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति समारोह में उपस्थित थे. ड्रोन शो का आयोजन स्टार्टअप ‘बोटलैब डायनेमिक्स’ द्वारा किया गया और इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने सहयोग किया.
‘बीटिंग द रिट्रीट’ काफी पुरानी सैन्य परंपरा है जब बिगुल बजने के साथ सैनिक सूर्यास्त के समय लड़ना बंद कर युद्ध से अलग हो जाते थे और अपने हथियार समेटते हुए युद्ध के मैदान से हट जाते थे. इनमें से कुछ परंपरा को आज तक बरकरार रखा गया है.
इस दौरान स्टार्ट अप इंडिया की झलक भी दिखी. ड्रम की आवाज उन दिनों की याद दिलाती है जब शाम को नियत समय पर सैनिकों को उनके बंकर में वापस बुला लिया जाता था. समारोह में आने के लिए लोगों को इस बार पर्यावरण अनुकूल निमंत्रण पत्र दिए गए थे. रक्षा मंत्रालय के अनुसार निमंत्रण पत्र औषधीय पौधों अश्वगंधा, एलोवेरा और आंवला के बीजों से तैयार किए गए.
‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ. बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है, जो इस साल एक दिन पहले, सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के साथ शुरू हुआ था.
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