Beating Retreat समारोह की धुन पर झूम उठेंगे आप, ये तस्वीरें मन मोह लेंगी, ड्रोन्स ने आसमान में बनाया तिरंगा

73वें गणतंत्र दिवस समारोह का समापन शनिवार को एक बेहद ही भव्य बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी से हुआ.
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पहली बार स्वार्म ड्रोन तकनीक की मदद से आसमान में लाइट एंड साउंड शो और लेजर शो को भी समापन समारोह का हिस्सा बनाया गया.

एक हजार ड्रोन की मदद से किए गए इस तरह के शो करने की तकनीक अभी तक रूस, अमेरिका और चीन के पास ही है.
राजधानी दिल्ली के विजय चौक पर आयोजित समापन समारोह ने वहां मौजूद सभी दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया.
इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, रक्षा सचिव और सेना के तीनों अंगों के प्रमुख सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे.
बीटिंग रिट्रीट समारोह की शुरुआत हर साल की तरह मार्शल म्यूजिक ट्यून्स से हुआ, लेकिन इस साल पाश्चात्य धुनों की बजाए भारतीय 'टच' ज्यादा था.
इनमें 'केरला', 'हिंद की सेना' और 'ऐ मेरे वतन के लोगों' शामिल थी. समारोह की समाप्ति 'सारे जहां से अच्छा' से हुई.
कार्यक्रम की शुरूआत शाम 5.15 पर हुई और ये 6.30 पर खत्म हुआ.
इस साल थलसेना, वायुसेना, नौसेना और केंद्रीय पुलिबल के बैंड्स की कुल 26 पर्फोरमेंस बीटिंग रिट्रीट सेरेमेनी का हिस्सा थीं.
इसके अलावा पाइप एंड ड्रम बैंड और मास्ड बैंड भी समारोह का हिस्सा बने.
इसके बाद 10 मिनट का ड्रोन शो शुरू हुआ. पूरे एक हजार ड्रोन के साथ इस शो को आईआईटी दिल्ली के स्टार्ट-अप की मदद से आयोजित किया गया था.
मेक इन इंडिया के तहत ये 1000 ड्रोन आईआईटी दिल्ली के स्टार्ट-अप, 'बोटलैब' ने ही डिजाइन और डेवलेप किए हैं.
ड्रोन्स ने तिरंगा झंडा, भारत का मानचित्र, गांधा जी, राष्ट्रीय समर स्मारक, मेक इन इंडिया और आजादी के अमृत महोत्सव की कलाकृति बनाकर सभी को दांतों तले उंगली दबाने के लिए मजबूर कर दिया.
इस साल एक हजार ड्रोन के साथ-साथ नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक की प्राचीर पर 3-4 मिनट का लेजर शो भी आयोजित किया गया, जो देश की पुरातन संस्कृति और आजादी के 75 साल यानि आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित था.
हर साल गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी से होती है. हालांकि, इस साल गणतंत्र दिवस समारोह का समापन 30 जनवरी को हो रहा है, जब पूरा देश गांधी जी की पुण्यतिथि, शहीद दिवस के तौर पर मनाई जाती है.
बीटिंग रिट्रीट समारोह के तुरंत बाद रायसीना हिल स्थित राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नार्थ-साऊथ ब्लॉक सहित सभी केंद्रीय इमारतें विशेष लाइट से जगमगा उठीं.
बीटिंग रिट्रीट समारोह प्राचीन काल से चली आ रही उस सैन्य परंपरा का हिस्सा है, जब युद्ध के मैदान में सेनाएं दिल ढलने के बाद सैन्य-धुन पर अपने अपने बैरक में लौट जाती थी और झंडे को उतार दिया जाता था.
इसलिए गणतंत्र दिवस के दौरान जब सशस्त्र सेनाओं की टुकड़ियां, हथियार और दूसरे सैन्य साजो सामान गणतंत्र दिवस समारोह के बाद बैरक में लौटती हैं तो तीन दिन बाद यानि 29 जनवरी को दिन ढलने के समय बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है.
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