Farmers Bharat Bandh: किसानों ने कई जगहों पर नेशनल हाईवे जाम किया, रेलवे लाइन पर बैठे, देखें तस्वीरें
Farmers Bharat Bandh: केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर 10 महीने से अधिक समय से किसानों का आंदोलन जारी है. सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने 'भारत बंद' रखा. कानून पारित हुए एक साल पूरा होने पर किसान संगठनों ने सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक भारत बंद का आह्वान किया था. भारत बंद का समय खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में भारत बंद को सफल बताया.
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View In Appराकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं. शर्तों पर सरकार से बातचीत नहीं होगी. सरकार कहती है कि हम कानून वापस नहीं लेंगे, बातचीत करें. ऐसा नहीं होगा. सरकार अपनी जिद पर अड़ी है. हमारा आंदोलन लंबा चलेगा. हम एमएसपी पर कानून लाने की मांग कर रहे हैं.
केंद्र तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान यूनियनों के भारत बंद के आह्वान पर दिल्ली की सीमाओं, पंजाब, हरियाणा में किसानों ने राजमार्ग और सड़कें जाम कीं. यही नहीं कई जगह रेलवे पटरी पर बैठ गए, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ.
दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर कई किलोमीटर का जाम देखा गया. ट्रैफिक पुलिस ने ट्विटर पर कहा, “प्रदर्शनकारियों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 24 और 9 को अवरुद्ध करने के कारण, सराय काले खां से आने वाले यात्री गाजियाबाद के लिए विकास मार्ग और डीएनडी के माध्यम से नोएडा की ओर जा सकते हैं.”
वहीं नोएडा विकास प्राधिकरण के खिलाफ 27 दिन से चल रहा किसानों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है. किसानों ने सोमवार को एकबार फिर जोरदार प्रदर्शन किया और बैरियर तोड़कर प्राधिकरण के कार्यालय में घुसकर तालाबंदी करने की कोशिश की. इस दौरान किसानों की पुलिस के साथ तीखी झड़प हुई. यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब किसान संगठनों ने आज केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘भारत बंद’ आहूत किया है.
पंजाब में लगभग पूर्ण बंद रहा और इस दौरान परिवहन सेवाएं निलंबित रहीं और अधिकतर जगह दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे. प्रदर्शनकारियों ने अमृतसर, रूपनगर, जालंधर, पठानकोट, संगरूर, मोहाली, लुधियाना, फिरोजपुर, बठिंडा सहित कई जिलों में राजमार्गों को जाम किया.
पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी प्रदर्शनकारियों ने सिरसा, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, पानीपत, हिसार, चरखी दादरी, करनाल, कैथल, रोहतक, झज्जर और पंचकुला समेत कई जिलों में राजमार्गों को रोक दिया. दोनों राज्यों में कुछ स्थानों पर किसान रेल पटरियों पर भी बैठ गए. अब तक कुल 28 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं.
दोनों राज्यों में कुरुक्षेत्र के निकट शाहबाद, सोनीपत, बहादुरगढ़, चरखी दादरी, जींद, अमृतसर, पटियाला, बरनाला और डेराबस्सी के पास लालरू सहित कई जगहों पर किसान रेलवे पटरियों पर बैठ गए. इस वजह से कई ट्रेनें रुकी रहीं.
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र से ‘‘किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने’’ का आग्रह किया है. चन्नी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं किसानों के साथ खड़ा हूं और केंद्र सरकार से किसान विरोधी तीन कानूनों को निरस्त करने की अपील करता हूं. हमारे किसान एक साल से अधिक समय से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अब समय आ गया है कि उनकी आवाज सुनी जाए. मैं किसानों से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठाने का अनुरोध करता हूं.’’
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