एक्सप्लोरर
उत्तर प्रदेश में भितरघात या गद्दार...? चुनाव हारने के बाद इन दो सीटों पर BJP ने भेजे पर्यवेक्षक; हाई कमान को भेजेंगे रिपोर्ट
UP BJP Review: लोकसभा चुनाव के समय बीजेपी 'अबकी बार 400 पार' का नारा लगवा रही थी, लेकिन यूपी में उसे तगड़ा झटका लग गया. अब यह पता लगाने के लिए समीक्षा की जा रही है.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
1/7

बीजेपी को लोकसभा चुनाव परिणामों में करारा झटका मिला है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी 33 सीटों पर सिमट गई. हार के कारणों का पता लगाने के लिए बीजेपी ने टीम तैयार कर दी है. यूपी की बरेली और आंवला लोकसभा सीट पर भितरघात हुआ या फिर कोई और मुद्दा हार का कारण बना.
2/7

इन सभी सवालों को लेकर आलाकमान ने पर्यवेक्षकों को मैदान में उतारा है. जहां बीजेपी ने बरेली की दोनों संसदीय सीटों पर प्रदर्शन की समीक्षा के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं. टीमें दोनों लोकसभा सीट पर बुधवार को हर बूथ पर मिले वोटों की समीक्षा करेंगी.
3/7

ऐसे में बीजेपी में कहां भितरघात हुआ, कहां पार्टी कार्यकर्ता वोटरों को नहीं साध पाए, विरोध क्यों रहा आदि कारणों को जानने की कोशिश की जाएगी. जहां बरेली लोकसभा सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी छत्रपाल सिंह गंगवार को 5,67,127 वोट मिले, जबकि I.N.D.I.A गठबंधन के प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन को 5,32,323 मिले.
4/7

बीजेपी के प्रत्याशी छत्रपाल सिंह गंगवार अपने प्रतिद्वंद्वी इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन को 34,804 वोटों से हराया. यहां पार्टी की जीत का अंतर साल 2019 से बहुत कम रहा. उस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार संतोष गंगवार ने 1,67,282 वोटों से जीत दर्ज की थी.
5/7

दरअसल, 5 साल में बीजेपी प्रत्याशी के वोट का आंकड़ा मात्र 1,857 वोट ही बढ़ सका. जबकि, भोजीपुरा और नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी को सपा से कम वोट मिले. उधर, आंवला में बीजेपी प्रत्याशी धर्मेंद्र कश्यप इंडिया गठबंधन के कैंडिंडेट नीरज मौर्य से 15,969 वोटों से हार गए.
6/7

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार धर्मेंद्र कश्यप को 5,37,675 वोट मिले थे. जबकि, इस चुनाव में उन्हें 4,76,546 वोट ही मिले. जहां बीजेपी को पिछले 5 सालों में इस सीट पर 61,129 वोटों का नुकसान हुआ. वहीं, बीजेपी का दोनों सीटों पर वोटर कम हुआ है.
7/7

ऐसे में बीजेपी की तमाम योजनाओं का लाभ बांटने और लगातार अभियान चलाने के बावजूद पार्टी का वोट घटने से पार्टी स्तर पर चिंता का विषय है. वोटों में यह गिरावट भितरघात को पता लगाने के लिए समीक्षा शुरू हो रही है. इसके लिए पार्टी ने पर्यवेक्षक बनाए भी हैं.
Published at : 20 Jun 2024 04:44 PM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
टेलीविजन
आईपीएल
Advertisement


रामधनी द्विवेदीवरिष्ठ पत्रकार
Opinion