CAA Rules: नरेंद्र मोदी और अमित शाह को इतनी भी क्या थी जल्दी?- ऐसा क्यों बोले वारिस पठान
एआईएमआईएम के नेता के मुताबिक, सीएए कानून धर्म की बुनियाद पर बना है. यह समानता के अधिकार और संविधान का उल्लंघन करता है. यह हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई भाइयों को भारत की नागरिकता देने की बात करता है लेकिन इसमें मुसलमानों का जिक्र नहीं है.
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View In Appमुंबई के भायखला से विधायक रहे और पेशे से हाईकोर्ट के वकील रह चुके वारिस पठान ने यह भी दावा किया कि सीएए को आप इसे अलग से नहीं देख सकते हैं. आपको इसे एनआरसी और एनपीआर के साथ जोड़कर देखने की जरूरत है. असम में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जब एनआरसी हुआ था तब करोड़ों रुपए खर्च हुए थे और कई मुसलमानों के नाम लिस्ट से गायब हो गए थे पर इस कानून के तहत उन मुस्लिमों को नागरिकता नहीं दी जा सकेगी.
वारिस पठान की ओर से ये सारी बातें एक हिंदी चैनल पर हुए डिबेट शो के दौरान कही गईं, जिस पर लोक जनशक्ति पार्टी (आर) के प्रवक्ता अरविंद वाजपेयी की ओर से जवाब दिया गया. वह बोले- फेडरल स्ट्रक्चर में यह 1955 का कानून है, जिसमें सिर्फ संशोधन किया गया है. पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में जो प्रताड़ित हुए और जो अल्पसंख्यक हैं, उन्हें नागरिकता मिलेगी.
अरविंद वाजपेयी ने आगे यह भी कहा कि ये लोग भारत के नागरिकों को एक तरह से भ्रमित कर रहे हैं. देश के नागरिकों पर इसका असर कैसे पड़ेगा. यहां के मुसलमानों से न तो कुछ पूछा जा रहा और न ही कुछ कहा जा रहा, तब दिक्कत क्या है?
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से साफ किया गया कि सीएए कभी वापस नहीं लिया जाएगा. गुरुवार (14 मार्च, 2024) को प्रसारित हुए इंटरव्यू (समाचार एजेंसी एएनआई के साथ) में उन्होंने सीएए का विरोध करने वाले केरल के सीएम पिनरई विजयन, तमिलनाडु के सीएम स्टालिन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर कहा- क्या उनके पास इसे नकारने का अधिकार है?...नागरिकता का मामला केंद्र के हिस्से की चीज है.
अमित शाह की ओर से यह भी कहा गया- विपक्ष के पास कोई काम नहीं है. उनका इतिहास है कि वे जो बोलते हैं, वह करते नहीं. नरेंद्र मोदी का इतिहास है कि जो बीजेपी या पीएम ने कहा कि वह पत्थर की लकीर है. मोदी की गारंटी पूरी होती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी माने जाने वाले अमित शाह ने इंटरव्यू में यह भी कहा- विपक्षी दिलों के नेता यह जानते हैं कि इंडिया गठबंधन सत्ता में नहीं आने वाला है. सीएए को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लेकर आई है. सीएए को पलटना असंभव है.
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