एक्सप्लोरर
Captain Deeksha: तुर्किए भूकंप के दर्द में राहत देने वाली कैप्टन दीक्षा सख्त ट्रेनिंग से होकर गुजरीं, जीत लिया दिल
Part Of Operation Dost Captain Deeksha: तुर्किए भूकंप के बाद भारत का राहत और बचाव मिशन आपरेशन दोस्त वहां के लोगों की दुआएं और दिल जीतकर वापस लौटा. इसका हिस्सा रही कैप्टन दीक्षा ने भी सख्त ट्रेनिंग ली.

कैप्टन दीक्षा उस टीम का हिस्सा थीं जिसे ऑपरेशन दोस्त के तहत भूकंप प्रभावित तुर्किए भेजा गया था
1/7

बीती 6 फरवरी को तुर्किए सीरिया में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. इसमें जानमाल का खासा नुकसान हुआ था. भूकंपग्रस्त तुर्किए से भारत के मिशन ऑपरेशन दोस्त की दिल छूने वाली तस्वीरें आई थीं.और इन तस्वीरों ने लोगों का जीत लिया. इनमें प्यार और अपनापन बांटती भारतीय सेना की महिला ऑफिसर्स के जज्बे को सबने सराहा.
2/7

ऐसे ही ऑफिसर्स में से एक रही कैप्टन दीक्षा. भारतीय सेना में डॉक्टर कैप्टन दीक्षा पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) बटालियन में एक चिकित्सा अधिकारी के तौर पर तैनात हैं. उन्होंने विशेष बलों के सैनिकों के साथ कठोर प्रशिक्षण लिया है.
3/7

इस दौरान कैप्टन दीक्षा की सख्त ट्रेनिंग की कुछ तस्वीरें सामने आई है. इनमें देखा जा सकता है कि हिम्मत और हौसले से इन महिला ऑफिसर्स ने कैसे मुश्किल भरे मिशन में कैसे जिंदादिली से कामयाबी पाई.
4/7

तुर्किए में ऑपरेशन दोस्त के तहत राहत और बचाव दल में 5 महिलाएं भी शामिल थी. पहली बार भारत की तरफ से एनडीआरएफ की 5 महिला बचावकर्मी भी इस दल में शामिल थीं. अपने पुरुष समकक्षों के साथ इन महिलाओं ने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया.
5/7

ऑपरेशन दोस्त के तहत 50वीं पैरा ब्रिगेड (स्वतंत्र), 7 पैरा फील्ड की टीम में एंबुलेंस अफसर मेजर बीना तिवारी भी शामिल थीं.
6/7

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की रहने वाली मेजर बीना तिवारी का एक वीडियो इंटरनेट पर खासा मशहूर हुआ था. इसमें तुर्किये की एक महिला उन्हें गले लगाकर जान बचाने के लिए शुक्रिया अदा कर रही थी.
7/7

मेजर बीना तिवारी की तुर्किए में एक बच्ची को चेक करते हुए फोटो भी वायरल हुई थी. वो 14 डॉक्टरों और 86 पैरा मेडिक्स वाली भारतीय सेना की मेडिकल टीम में अकेली महिला अधिकारी हैं.
Published at : 06 Mar 2023 05:21 PM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
महाराष्ट्र
क्रिकेट
बॉलीवुड
Advertisement


शंभू भद्रएडिटोरियल इंचार्ज, हरिभूमि, हरियाणा
Opinion