MQ-9B Predator Drones: अब चीन की जासूसी पर लगेगी रोक, अमेरिका दे रहा ऐसा ड्रोन जो छुड़ाएगा दुश्मनों के छक्के
हेलफायर मिसाइलों, GBU-39B सटीक-निर्देशित बमों और उच्च-अग्नि रोटरी तोप से लैस 31 प्रीडेटर ड्रोन के अधिग्रहण का नेतृत्व भारतीय नौसेना कर रही है.
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View In Appअधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने के बाद 31 ड्रोन में से 16 भारतीय नौसेना को और भा गे.रतीय सेना और भारतीय वायु सेना को 8-8 ड्रोन दिए जाएं
प्रिडेटर ड्रोन इस क्षेत्र में एक गेम-चेंजर साबित होगा क्योंकि इस प्लेटफॉर्म में उच्च सहनशक्ति, उच्च ऊंचाई और घातक हथियार हैं जो दुश्मन से ‘हंटर-किलर’ की भूमिका में लड़ने के लिए हैं.
प्रीडेटर ड्रोन से प्राप्त मॉनिटरिंग फुटेज को बोइंग पी 8 आई विमान से प्राप्त फुटेज से बेहतर बताया जा रहा है और यह अदन की खाड़ी से सुंडा जलडमरूमध्य तक भारतीय समुद्री क्षेत्र की जागरूकता को अगले स्तर तक ले जाएगा.
वहीं बात भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना की करें तो वह इन ड्रोन का इस्तेममाल सबसे खराब स्थिति में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और उच्च मूल्य वाले लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए करेगा.
भारतीय नौसेना सशस्त्र ड्रोन का उपयोग न केवल अंधेरे शिपिंग पर नज़र रखने के लिए करेगी, बल्कि इंडो-पैसिफिक में उच्च समुद्र पर हथियार और ड्रग्स ले जाने वाले जहाजों को नष्ट करने के लिए भी करेगी.
प्रीडेटर ड्रोन भारत के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि चीनी जासूसी जहाजों को भी रोकेगा, जो लगभग पूरे साल हिंद महासागर में रहते हैं. ऐसे में भारत को इसका बेसब्री से इंतजार है.
बताया जा रहा है कि वित्त मंत्रालय और अंतर-मंत्रालय परामर्श से मंजूरी मिलने के बाद यह अधिग्रहण अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली CCS के सामने है.
बता दें कि भारत के पास अमेरिकी ड्रोन के अलावा कोई और विकल्प अभी नहीं है, क्योंकि DRDO की स्वदेशी परियोजना में देरी हो रही थी और चीन के पास पाकिस्तान को प्लेटफ़ॉर्म देने के अलावा अपने भंडार में शीर्ष श्रेणी के सशस्त्र ड्रोन थे.
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