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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chandratal Lake: हिमाचल की अनोखी झील, जहां रात को आती हैं परियां! जानिए क्या है इस अनोखे जलकुंड का रहस्य
यह झील कई रहस्यों को भी समेटे हुए है. लोग कहते हैं कि यहां रात में परियां आती हैं, जबकि दिन में जलपरी आती है.
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View In Appलोग बताते हैं कि पहले झील सम्मोहित करके अपने पास बुलाती है. लोग जैसे ही उसमें जाते हैं तो पानी के अंदर खींचकर मार देती हैं.
इस झील को हिंदू धर्म की पवित्र झीलों में से एक माना जाता है. यह झील हिमालयी नदी चंद्रा का स्रोत है, जो चिनाब की सहायक नदियों में से एक है.
अगर किदवंतियों की बात करें तो इसे लेकर कहा जाता है कि यह चंद्रा, चंद्रमा भगवान की बेटी और भागा, सूर्य भगवान के पुत्र नामक दो प्रेमी की गवाह है. दोनों एक दूसरे के प्यार में पागल थे, लेकिन उनके माता-पिता को दोनों का साथ मंजूर नहीं था.
कहा जाता है कि दोनों ने उस दर्रे, जहां वे पहली बार मिले थे, बारालाचा ला से भागने का फैसला किया, लेकिन दोनों दीप्तिमान चंद्रभागा नदी पर मिले, जहां उनका स्वर्गीय गठबंधन हुआ. दोनों ने सूरज ताल और चंद्रताल झीलें बनाईं.
चंद्रताल की प्रसिद्ध झील का उल्लेख हिंदू पौराणिक कथाओं में भी किया गया है. कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध में कौरवों को हराने के बाद पांचों पांडव अंतिम यात्रा के लिए निकले थे. रास्ते में एक-एक कर सभी मरते गए, लेकिन युधिष्ठिर बचे रहे. कहा जाता है कि इंद्र ने उन्हें स्वर्ग के लिए इसी झील के पास से उठाया था.
स्थानीय लोगों का मानना है कि चंद्रताल झील में रात को परियां आती हैं. ऐसी ही एक कहानी पास के गांव हंसा के एक चरवाहे की है, जो अपने मवेशियों को चराने झील पर आया था. उसे एक परी दिखी और दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया.
कहा जाता है कि चरवाहा पहले से ही शादीशुदा था लेकिन उसने परी को यह नहीं बताया. उसे डर था कि अगर यह बात वह परी को बताएगा तो वह छोड़कर चली जाएगी.
एक दिन गलती से उसके मुंह से निकल गया कि वह शादीशुदा है. इसके बाद परी वहां से चली गई और चरवाहा उसके इंतजार में पागल हो गया और वहीं झील के किनारे मर गया.
कहा जाता है कि यदि रात में कोई झील के पास जाता है तो उसे चरवाहे की आवाज और वह चलता हुआ दिखता है.
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