Chandrayaan 3: चंद्रमा पर चंद्रयान-3 का अबतक का सफर, जानें क्या कुछ मिला?
तस्वीर चंद्रमा पर उस जगह की है जहां विक्रम लैंडर ने सॉफ्ट-लैंडिंग की. लैंडिंग इमेजर कैमरे से यह तस्वीर ली गई. इसमें लैंडर का एक पैर और उसकी परछाई भी दिखाई दे रही है. चंद्रयान-3 ने लैंडिंग के लिए चंद्र सतह पर उम्मीद के मुताबिक समतल क्षेत्र चुना.
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View In Appचंद्रमा पर उतरते समय लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे से ली गई तस्वीर में कुछ इस तरह चंद्र सतह नजर आई.
23 अगस्त को ही लैंडर (विक्रम) इमेजर कैमरे ने प्रज्ञान रोवर के चंद्रमा की सतह पर उतरने की तस्वीरें लीं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 25 अगस्त को ये तस्वीरें जारी कीं.
लैंडर विक्रम के टच डाउन स्पॉट 'शिव शक्ति प्वाइंट' के पास 25 अगस्त को रोवर घूमा. 26 अगस्त को इसरो ने इसका वीडियो जारी किया. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जिस जगह लैंडर विक्रम ने सॉफ्ट-लैंडिंग की, उस स्थान का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिव शक्ति प्वाइंट रखा है.
इसरो ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के साथ लगे ‘चेस्ट’ उपकरण की ओर से चंद्र सतह पर मापी गई तापमान भिन्नता का एक ग्राफ रविवार (27 अगस्त) को जारी किया. इसरो के मुताबिक, ‘चंद्र सर्फेस थर्मो फिजिकल एक्सपेरिमेंट’ (ChaSTE) ने चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए, दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी का ‘तापमान प्रालेख’ मापा. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ग्राफ के बारे में इसरो वैज्ञानिक बीएचएम दारुकेशा ने कहा, हम सभी मानते थे कि सतह पर तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास हो सकता है, लेकिन यह 70 डिग्री सेंटीग्रेड है. यह आश्चर्यजनक रूप से हमारी अपेक्षा से ज्यादा है.
27 अगस्त को रोवर प्रज्ञान को अपने स्थान से 3 मीटर आगे एक 4 मीटर व्यास का क्रेटर (गड्ढा) मिला. रोवर पर लगे नेविगेशन कैमरे से इसकी तस्वीर ली गई. रोवर को चंद्र सतह पर पथ पर वापस लौटने का आदेश दिया गया. इसरो ने 28 अगस्त को यह जानकारी दी.
29 अगस्त (मंगलवार) को इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करके बताया कि चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान पर लगे एक उपकरण ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सतह में गंधक होने की स्पष्ट रूप से पुष्टि की है. इसरो ने पोस्ट में कहा, 'वैज्ञानिक प्रयोग जारी हैं... रोवर पर लगे लेजर संचालित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) उपकरण ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सतह में गंधक होने की स्पष्ट रूप से पुष्टि की है. उम्मीद के मुताबिक एल्युमीनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता चला है. हाइड्रोजन की तलाश जारी है.”
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