हिंद महासागर में क्या कर रहे चीन के रिसर्च जहाज? पकड़ी गई ड्रैगन की एक और करतूत
चीन ने अपने तीन रिसर्च जहाज हिंद महासागर में उतारे हैं. एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. इन जहाजों का नाम शीयांग यांग होंग 03, झोंग शान डा शूए और यूांग वांग 7 है, जो चीन हिंद महासागर (IOR) क्षेत्र में काफी एक्टिव हैं.
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View In Appहिंद महासागर में चीन की इस हरकत से कई सवाल खड़े हो रहे हैं और भारत में ही नहीं बल्कि उस पूरे क्षेत्र में चिंता का माहौल भी बन रहा है.
चीन का शीयांग यांग होंग 03 रिसर्च जहाज में उन्नत सेंसर, अंडर वॉटर मैपिंग, समुद्री सर्वे और डेटा इकट्ठा करने जैसी क्वालिटी हैं. यह खुफिया जानकारी पाने की ताकत रखता है. इन जहाजों को वैज्ञानिकों ने इंवेस्टिगेशन के लिए डिजाइन किया है.
झोंग शान डा शूए रिसर्च जहाज का नाम सत्यार सेम यूनिवर्सिटी के नाम पर रखा गया है. यह जहाज रणनीतिक निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है. हिंद महासागर में इस जहाज की गतिविधियों पर काफी ध्यान दिया जाता है ताकि चीन की नौ सेना की गतिविधियों का डेटा मिल सके.
यांग वांग 7 का इस्तेमाल उपग्रह लॅान्च करने और अंतर महाद्वीप की बैलेस्टिक मिसाइलों पर नजर रखने के लिए किया जाता है. हिंद महासागर में इस जहाज का होना अंतरिक्ष और मिसाइल से जुड़े चीन की किसी बड़ी चाल की तरफ इशारा कर रहा है.
ऐसा माना जा रहा है कि इन जहाजों पर हिंद महासाग में उतारने के पीछे चीन का इरादा हिंद महासागर में होने वाली सभी सैन्य संचालन और व्यापार से जुड़ा सभी डेटा इकट्ठा करके अपनी पनडुब्बी की ताकत बढ़ाने और वहां मौजूद बाकी चीजों पर निगरानी करने में इस्तेमाल कर सकता है.
भारत के साझेदार देश जैसे संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (UAE), जापान और ऑस्ट्रेलिया हिंद महासागर में चीन की रिसर्च जहाजों पर काफी ध्यान से नजर रख रहे हैं ताकि वहां की सुरक्षा को कोई नुकसान न पहुंच सके.
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