बंगला, गाड़ी और नौकर-चाकर के साथ CJI डी वाई चंद्रचूड़ को मिलती है कितनी सैलरी? जानें
भारत में चीफ जस्टिस को 2 लाख 80 हजार रुपये हर महीने मिलते हैं. यानी सालाना 16,80,000 रुपये तक सैलरी मिलती है. इसके अलावा, 45,000 रुपये सत्कार भत्ता मिलता है.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appन्याय विभाग की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, सैलरी के साथ सीजेआई को एक मुश्त 10 लाख रुपये फर्निशिंग अलाउंस के तौर पर मिलते हैं.
सीजेआई को टाइप 7 बबंगला (Type VII) मिलता है, जिसमें 24X7 सिक्योरिटी में लोग तैनात रहते हैं. साथ में खाना बनाने से लेकर हर काम के लिए नौकर मिलते हैं. इसके अलावा, क्लर्क की सुविधा भी रहती है. इसमें से किसी भी सुविधा के लिए सीजेआई को कुछ पे नहीं करना होता है. बंगले का भी किराया नहीं देना होता.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को सरकारी गाड़ी और ड्राइवर की भी सुविधा मिलती है. गाड़ी के लिए हर महीने 200 लीटर फ्यूल भी दिया जाता है और पीएसओ भी मिलता है.
सीजेआई को ट्रैवलिंग अलाउंस भी मिलता है. द सुप्रीम कोर्ट जजेज एक्ट (सैलरीज एंड कंडीशंस ऑफ सर्विस) 1958 के मुताबिक, अगर चीफ जस्टिस ड्यूटी के दौरान कहीं जाते हैं तो उन्हें इसका खर्च दिया जाता है.
रिटायरमेंट के बाद की बात करें तो सीजेआई को 1,40,000 रुपये हर महीने पेंशन मिलती है. इसके साथ, महंगाई भत्ता और एक बार में 20,00,000 रुपये ग्रैच्युटी के तौर पर दिए जाते हैं.
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की सैलरी सुप्रीम कोर्ट के जजों के बराबर होती है और हाई कोर्ट के जज को हर महीने 2,25,000 सैलरी के साथ 27,000 का सत्कार भत्ता दिया जाता है. इसके अलावा, एक मुश्त 6 लाख रुपये फर्निशिंग अलाउंस के तौर पर दिए जाते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के जजों को हर महीने 2,50,000 रुपये सैलरी, 34,000 रुपये सत्कार भत्ता और एक बार में 8 लाख रुपये फर्निशिंग अलाउंस दिया जाता है. साथ में एक बंगला, सरकारी गाड़ी और ड्राइवर जैसी सुविधा दी जाती है.
सुप्रीम कोर्ट के जजों की सैलरी, पेंशन और भत्ता का खर्च भारत सरकार उठाती है और हाई कोर्ट के जजों का सारा खर्चा राज्य सरकार उठाती हैं.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -