Uttar Pradesh: कांवड़ यात्रा पर सीएम योगी का आदेश बढ़ा रहा NDA की मुश्किलें! जानें कौन समर्थन और कौन कर रहा विरोध
जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने फैसले को गैर संवैधानिक बताते हुआ कहा कि ये फैसला जाति और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला है. इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है.
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View In Appनीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने भी फैसले पर एक बार फिर से समीक्षा करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं किया जाना चाहिए, जिससे समाज में सांप्रदायिक विभाजन पैदा हो. उन्होंने ये भी कहा कि कई मौके पर मुजफ्फरनगर के मुसलमान कांवड़ यात्रियों के मदद करते देखे गए हैं.
एनडीए की केंद्र सरकार में शामिल केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी सीएम योगी के फैसले पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि मेरी लड़ाई जातिवाद और सांप्रदायिकता के खिलाफ है. इसलिए जहां कहीं भी जाति और धर्म के विभाजन की बात होगी. मैं उसका कभी भी समर्थन नहीं करूंगा.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने पहले तो योगी सरकार के फैसले पर सवाल उठाए और इसे छुआछूत को बढ़ावा देने वाला बताया. हालांकि बाद में अपने बयान से पलटते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आदेश से साफ है कि कांवड़ियों की आस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसला लिया गया है, लेकिन कुछ लोग सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
सीएम योगी के इस फैसले के समर्थन में मंत्री कपिल देव अग्रवाल सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि ये फैसला लोगों की शिकायत के बाद लिया गया था, जिसमें श्रद्धालुओं ने कहा था कि कई भक्त हरिद्वार और गोमुख से पवित्र गंगाजल लाते हैं और कांवड़ यात्रा के दौरान जो लोग हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर ढाबा/होटल चलाते हैं, उनमें ज्यादातर लोग मुस्लिम समुदाय से होते हैं. वो नॉनवेज भी बनाते हैं, जिससे भक्तों की पवित्रता छिन जाती है.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी सीएम योगी के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं जो सौहार्द के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम योगी के फैसले पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि सीएम योगी में हिटलर की रूह समां गई है. उन्होंने सीएम योगी के इस फैसले को अनुच्छेद 17 का उल्लंघन बताते हुए, छुआछूत को बढ़ावा देने वाला बताया है.
तमाम विरोध के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने सीएम योगी के फैसले का समर्थन किया है. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. यह एक धार्मिक यात्रा है. ये फैसला हिन्दू-मुस्लिम विवाद न हो, इसलिए लिया गया है.
एनडीए के सहयोगी दल निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद ने योगी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि हर दुकानदार को अपनी पहचान सार्वजनिक रखना चाहिए क्योंकि घटना होने के बाद लोग अपनी पहचान छिपा लेते हैं.
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