Ram Temple Ayodhya: एक नजर में देखिए अवधपुरी में बन रहे राम मंदिर की पूरी डिजाइन, कहां विराजेंगे रामलला और वीर हनुमान
अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर संपूर्ण भारत को प्रदर्शित करने वाला मंदिर होगा, क्योंकि इसका वास्तुशिल्प डिजाइन उत्तरी और दक्षिणी भारतीय मंदिर शैलियों से प्रभावित है.
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View In Appमंदिर परंपरागत नागर शैली में निर्मित हो रहा है. मंदिर निर्माण के लिए सामग्री भारत के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे- राजस्थान, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और अन्य प्रदेशों से लाई गई है.
राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होना है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित प्रमुख गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहेंगे.
मंदिर की लंबाई पूर्व से पश्चिम 380 फीट और चौड़ाई उत्तर से दक्षिण 250 फीट है. वहीं पूरी तरीके से मंदिर बनने के बाद मंदिर की कुल ऊंचाई 161 फीट होगी.
अयोध्या का राम मंदिर तीन मंजिला बन रहा है. प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी. पूरे मंदिर में कुल 392 खम्भे और 44 द्वार होंगे.
भूतल में गर्भगृह बनाया गया है, जहां प्रभु श्रीराम के बाल रूप यानी श्रीरामलला विराजमान होंगे. वहीं प्रथम तल में गर्भगृह के ऊपर श्रीराम दरबार होगा. जहां पर माता जानकी और भाई लक्ष्मण के साथ भगवान श्रीराम राजा के रूप में विराजेंगे. यहां वीर हनुमान भी बैठे नजर आएंगे.
मंदिर में कुल पांच मंडप बनाए गए हैं. नृत्य मंडप, रंग मंडप, गूढ़ मंडप ( सभा मंडप) प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप. खम्भे और दीवारों में देवी- देवताओं की मूर्तियां बनाई गई हैं.
मंदिर में प्रवेश पूर्व में निर्मित सिंहद्वार से 32 सीढ़ी चढ़कर होगा. 32 सीढ़ियों की ऊंचाई कुल 16.5 फीट है. मंदिर में दिव्यांगजन और वृद्धजनों के लिए रैम्प एवं लिफ्ट की व्यवस्था की गई है.
मंदिर के चारों तरफ परकोटा बनाया गया है, जिसकी कुल लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 4.25 मीटर है. परकोटा के चार कोनों पर चार मंदिर बनाए गए हैं. इनमें भगवान सूर्य, शंकर, गणपति और देवी भगवती के मंदिर हैं.
परकोटे की दक्षिणी भुजा में हनुमान जी और उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का मंदिर बनाया गया है. मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीता कूप भी बनाया गया है
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में कई प्रस्तावित मंदिर भी हैं. इनमें प्रमुख रूप से महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज गुह, माता शबरी एवं देवी अहिल्या के मंदिर हैं.
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