COVID 19: कोरोना के खतरे के बीच तैयारियों को परखने के लिए अस्पतालों में मॉक ड्रिल, देखें तस्वीरें
Mock Drill in India: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि उपकरणों और मानव संसाधन की तैयारी रखना महत्वपूर्ण है. उन्होंने सफदरजंग अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने की स्थिति से निपटने की अस्पताल की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आयोजित मॉक ड्रिल का निरीक्षण किया.
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View In Appमॉक ड्रिल में बिस्तरों की उपलब्धता, चिकित्साकर्मियों, रेफरल संसाधनों, जांच की क्षमता, चिकित्सकीय उपकरण एवं अन्य सामान, टेलीमेडिसिन (दूरसंचार एवं डिजिटल माध्यमों की मदद से चिकित्सा सेवा) सेवा और चिकित्सकीय ऑक्सीजन उपलब्धता समेत अन्य पहलुओं की समीक्षा की जा रही है. मांडविया ने कहा कि हमारे अस्पतालों में तैयारियों का पता लगाने के लिए ड्रिल जरूरी थी. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं और भारत में भी संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि उपकरणों, प्रक्रियाओं और मानव संसाधनों के रूप में कोविड संबंधी पूरा ढांचा पूरी तरह तैयार हो.
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री मनीष सिसोदिया ने दोपहर में एलएनजेपी अस्पताल का दौरा किया. सिसोदिया ने अस्पताल में रिपोटरों से कहा, ‘‘दिल्ली सरकार किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार है. एलएनजेपी में 2,000 बिस्तर हैं और उनमें से 450 कोविड-19 के लिए निर्धारित हैं. अगर जरूरत पड़ी तो हम सभी 2,000 बिस्तर कोविड के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. हम आसपास के बैंक्विट हॉल का भी उपयोग कर सकते हैं.’’
एक अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 संबंधी जांच में भी जल्द तेजी लाए जाने की संभावना है और इस समय शहर में रोजाना करीब 2,500 से तीन हजार नमूनों की जांच की जा रही हैं. दिल्ली में अब तक महामारी के कुल 20,07,143 मामले आ चुके हैं और 26,521 मरीजों की मौत हो चुकी है. नवंबर के मध्य से ही यहां संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या 20 से कम और संक्रमण दर एक प्रतिशत से कम बनी हुई है.
उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के मंत्री और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने राजधानी लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल का दौरा किया और भरोसा जताया कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अभी कोई खतरा नहीं है, फिर भी सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. राज्य में उन्नाव और आगरा जिलों में कोविड-19 के दो मामले सामने आए हैं, जिनमें संक्रमित हाल में विदेशी से लौटे हैं.
ब्रजेश पाठक ने कहा, ‘‘कोविड-19 की तैयारियों के अवलोकन के लिए आज राज्य के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल की जा रही है. मैं आज लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल आया हूं और खुद ऑक्सीजन प्रवाह और वेंटिलेटर की जांच की है.’’
मुंबई में नगर निगम संचालित सेवन हिल्स अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल के साथ सरकारी कामा अस्पताल, सेंट जॉर्ज अस्पताल, टाटा अस्पताल और जगजीवन राम अस्पताल समेत अन्य संस्थानों में मॉक ड्रिल की गई. शहर में कोविड-19 के मामलों का पता लगाने और उन पर नजर रखने के लिए 34 अस्पतालों तथा 49 प्रयोगशालाओं में 1,35,035 नमूनों की दैनिक जांच क्षमता है.
पश्चिम बंगाल के अस्पतालों ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने की स्थिति में इससे निपटने की अपनी तैयारियों का जायजा लेने के लिए मंगलवार को मॉक ड्रिल किया. स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने कहा कि राज्य के सभी जिलों और तालुकाओं में मॉक ड्रिल चल रही है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 का बीएफ.7 स्वरूप कम प्रभाव डालने वाला है, हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सतर्क रहना चाहिए.
चीन समेत कुछ देशों में कोविड-19 के मामलों में तेजी के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से एहतियाती कदमों के तौर पर सभी कोविड अस्पतालों में मॉक ड्रिल करने को कहा था.
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