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CT Ravi Arrest: क्या है वो मामला, जिसके चलते कर्नाटक की राजनीति में आया उबाल, हिरासत में लिए गए सीटी रवि
CT Ravi Arrest: कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग बढ़ गई है. रवि ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्हें बिना जानकारी के हिरासत में लिया गया.

कर्नाटक में कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रही तीखी बयानबाजी उस समय और बढ़ गई जब भाजपा एमएलसी सीटी रवि को हिरासत में लिया गया. रवि का आरोप है कि उन्हें बिना किसी ठोस कारण के रात 8 बजे खानपुरा पुलिस स्टेशन ले जाया गया. उन्होंने कहा कि उन्हें ये नहीं बताया गया कि उन्हें किस मामले में हिरासत में लिया गया है और पुलिस उनकी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर रही है.
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सीटी रवि ने कांग्रेस सरकार और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना है कि उनके खिलाफ झूठा मामला बनाकर उन्हें मारने की साजिश की जा रही है. उन्होंने दावा किया कि उनके साथ अपराधी की तरह व्यवहार किया जा रहा है जिससे उन्हें अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है. इसके लिए उन्होंने डीके शिवकुमार और मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर समेत कई कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदार ठहराया.
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रवि ने बेलगावी के सुवर्ण सौधा में जान से मारने की साजिश का आरोप लगाते हुए लक्ष्मी हेब्बालकर समेत बाकी कांग्रेस नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. इस दौरान उनके वकील ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्हें कानूनी प्रतिनिधि से मिलने से रोका गया और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया गया.
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इस मामले को भाजपा ने विधानसभा में जोर-शोर से उठाया. भाजपा के नेताओं ने पुलिस के रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए इसे मनमानी करार दिया. विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि पुलिस स्टेशन अब कांग्रेस पार्टी का कार्यालय बन गया है और भाजपा नेताओं को सुनने से इनकार किया जा रहा है.
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भाजपा ने आरोप लगाया कि पूरे कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के नेतृत्व में 'गुंडाराज' चल रहा है. उन्होंने पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी कि सरकार स्थायी नहीं होती और कानून का पालन करना उनका कर्तव्य है. पार्टी ने शुक्रवार (20 दिसंबर) को विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की.
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इस पर कांग्रेस ने रवि के बयान को लेकर नाराजगी जताई. साथ ही मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने उनके खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने की शिकायत दर्ज कराई. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ये मामला महिलाओं के प्रति अभद्रता और यौन उत्पीड़न से जुड़ा है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी इस मामले को गंभीर अपराध बताया.
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विधान परिषद के सभापति होरट्टी ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए. हालांकि रिकॉर्डिंग टीम ने बताया कि सदन स्थगित होने के बाद रिकॉर्डिंग बंद कर दी गई थी. इसके बाद होरट्टी ने दोनों पक्षों से मुलाकात की और उन्हें आत्मनिरीक्षण करने की अपील की.
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इस पूरे मामले ने कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचा दी है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने इसे अपनी-अपनी रणनीति से भुनाने की कोशिश की. जहां भाजपा ने इसे विरोध प्रदर्शन का मुद्दा बनाया वहीं कांग्रेस ने इसे महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा से जोड़ा. ऐसे में इस विवाद का असर राज्य की राजनीति पर लंबे समय तक देखा जा सकता है.
Published at : 20 Dec 2024 11:59 AM (IST)
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