रक्षा मंत्रालय ने HAL के साथ की 26000 करोड़ की डील, एयरफोर्स के लिए बनाएगा Su-30MKI जेट के 240 इंजन
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के मजबूत विमान सुखोई-30एमकेआई विमान के लिए के लिए रक्षा मंत्रालय ने सोमवार (9 सितंबर) को 240 एयरो-इंजन की खरीद के लिए सरकारी एयरोस्पेस प्रमुख हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 26,000 करोड़ रुपये की डील की है.
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View In Appरक्षा मंत्रालय के अनुसार, इन एयरो-इंजन का निर्माण एचएएल के कोरापुट डिवीजन की तरफ से किया जाएगा. इसके साथ ही उम्मीद है कि यह सुखोई-30 बेड़े की परिचालन क्षमता को बनाए रखने के लिए भारतीय वायु सेना की जरूरत को पूरा करेगा.
कॉन्ट्रैक्ट डिलीवरी शेड्यूल के अनुसार, एचएएल हर साल 30 एयरो-इंजन की आपूर्ति करेगा. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सभी 240 इंजनों की आपूर्ति अगले 8 सालों की अवधि में पूरी हो जाएगी.
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की योजना देश के रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र से मदद लेने की है, जिसमें एमएसएमई, सार्वजनिक और निजी उद्योग शामिल होंगे. वहीं, परियोजना के आखिर तक, एचएएल का टारगेट है कि स्वदेशीकरण की मात्रा को 63 प्रतिशत तक बढ़ाना है.
इन इंजनों में 54% से ज्यादा स्वदेशी सामग्री होगी, जो एयरो-इंजन के कुछ प्रमुख घटकों के स्वदेशीकरण के कारण बढ़ी है. इससे इन इंजनों की मरम्मत और ओवरहाल के लिए स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना का सबसे शक्तिशाली और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बेड़े में से एक है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की तरफ से इन एयरो-इंजनों की आपूर्ति भारतीय वायुसेना के बेड़े की जरूरतों को पूरा करेगी, ताकि वो अपने निर्बाध संचालन को जारी रख सकें और देश की रक्षा तैयारियों को मजबूत कर सकें.
सशस्त्र बलों के रक्षा सचिव गिरिधर अरामने और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी की उपस्थिति में मंत्रालय और एचएएल के वरिष्ठ अधिकारियों ने कॉनट्रैक्ट समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
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