मटका फोड़ प्रदर्शन से लेकर डिब्बों की कतारों तक... तस्वीरों में देखें दिल्ली में कैसे गहराया जल संकट
दिल्ली की जनता पिछले कई दिनों से बूंद-बूंद पानी को तरस रही है. लोग टैंकर के इंतजार में घंटों सड़कों पर बैठे रहते हैं, इसके बाद भी उन्हें पानी नहीं मिलता. पानी की किल्लत के बीच अब बीजेपी और कांग्रेस पानी की समस्या को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं. आज कांग्रेस ने मटका फोड़कर पानी की किल्लत के विरोध में प्रदर्शन किया.
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View In Appदिल्ली में चारों तरफ पानी की मारामारी और किल्लत जारी है जिसके चलते दिल्ली वालों को रोज पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. जिसके चलते दिल्ली के सुलतानपुरी जलेबी चौक पर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने सैंकड़ो कार्यकर्ताओं के साथ पानी की किल्लत को लेकर दिल्ली सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया.
राजधानी दिल्ली भीषण गर्मी से जूझ रही है. चिलचिलाती धूप के साथ ही हीटवेव से लोगों हाल बेहाल है. अधिकतम तापमान के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. इस बीच जल संकट ने दिल्लीवासियों की परेशानी और बढ़ा दी है. दिल्ली के कई इलाके इस समय पानी की गंभीर किल्लत से जूझ रहे हैं. पानी लेने के लिए लोगों को खासी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
दिल्ली सरकार के दावे की मानें तो यमुना में वॉटर लेवल कम होने की वजह से हर रोज करीब 30-45 एमजीडी पानी का उत्पादन घट रहा है, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकार का तर्क है कि दिल्ली, देश की राजधानी है और यहां हर रोज बड़ी संख्या में देशभर से लोगों की आवाजाही होती है. इस वजह से पानी की डिमांड भी बढ़ती है, इसलिए जल की आपूर्ति को बढ़ाना बेहद जरूरी है.
पूर्वी दिल्ली के गीता कॉलोनी इलाके की झुग्गी बस्ती में लोग गर्मी के दिनों में दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर से पीने का पानी लेने का इंतजार करते हुए. गीता कॉलोनी इलाके के एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि मीडिया में पानी की किल्लत उजागर होने के बाद यहां रोजाना दो पानी के टैंकर आते हैं. इससे लोगों कुछ राहत मिली है.
पूर्वी दिल्ली के गीता कॉलोनी इलाके की एक झुग्गी बस्ती में लोग गर्मी के दिनों में दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर से पीने का पानी भरते हुए. जहां लोगों को पानी की बर्बादी पर स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट रहा है. ओखला फेज 2, फेज 3 और शीनिवासपुरी में ओखला में पीने के पानी का त्राहिमाम है. गोविंदपुरी इलाके में पीने के पानी के लिए लोग तरस रहे हैं.
हरियाणा की ओर से यमुना में कच्चा पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं छोड़ा जाएगा, तो इसका बड़ा असर दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स पर पड़ता है. इसका सीधा असर दिल्ली में पानी की सप्लाई पर पड़ता है, जिसकी वजह से दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में पानी की सप्लाई में कटौती करनी पड़ती है. इसकी वजह से ही अब दिल्ली में पानी का संकट गहराता नजर आ रहा है.
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