Dher Baba Dargah: इस दरगाह में चादर नहीं चढ़ाई जाती है झाडू, क्या है ढेर बाबा की कहानी
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अभी तक हमने देखा था की दरगाह और मजारों पर चादरें चढ़ाई जाती थी, लेकिन क्या कभी आपने यह सुना है कि किसी दरगाह पर चादर नहीं बल्कि झाड़ू चढ़ाई जाती है... जी हां! राजस्थान के बाड़मेर में एक ऐसी अनोखी दरगाह है, जिसमें चादर नहीं बल्कि लोग झाड़ू चढ़ाते हैं और कहते हैं कि इससे बीमारियां दूर हो जाती है.
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ये दरगाह है ढेर बाबा की, राजस्थान के बाड़मेर में स्थित है. यह दरगाह बिल्कुल बाकी दरगाहों जैसी ही है. मजार पर चादर चढ़ी दिखेगी, अगल-बगल अगरबत्तियां दिखेगी, लेकिन इन सब में खास चीज यह है की दरगाह के बगल में झाड़ू का ढेर लगा हुआ है. इस दरगाह पर आने वाले लोगों का मानना है कि जैसे झाड़ू घर साफ करती है ठीक उसी तरह यहां पर झाड़ू चढ़ाने से बीमारियां भी साफ हो जाएगी.
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लोगों की मान्यता है कि इस दरगाह में झाड़ू चढ़ाने से किसी भी प्रकार की स्किन से जुड़ी समस्याएं ठीक हो जाती है. यही कारण है कि लोग यहां झाड़ू लेकर आते हैं.
लोगों को कहना है कि यहां हर धर्म के लोग आते हैं. उन्हें किसी भी प्रकार का चर्म रोग हो यहां पर ठीक हो जाता है. लोग यहां पर अपनी समस्याएं बोलकर जाते हैं और जब उनकी समस्याएं पूरी हो जाती है तो वापस आकर यहां झाड़ू चढ़ाते हैं.
अलाउद्दीन नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि यह दरगाह 450 साल पुरानी है. इसके पीछे की कहानी बताते हुए अलाउद्दीन ने कहा कि एक आलिम था, जिसने सपना देखा था कि उसे कोई ये कह रहा है कि मेरे स्थान के पास कचरे का ढेर है उसे साफ कर दो.
इसके बाद कई लोगों ने वहां सफाई के लिए झाड़ू दिए और उसके बाद यह सिलसिला मान्यता में बदल गया. लोगों ने मन्नतें मांगनी शुरू कर दी कि अगर उनकी इच्छा पूरी होती है तो वह झाड़ू चढ़ाएंगे. लोगों ने बताया कि क्योंकि यहां झाड़ू का ढेर लग जाता था, इसलिए इस दरगाह का नाम ढेर बाबा की दरगाह पड़ गई. अलाउद्दीन का कहना है कि बाबा का असली नाम क्या था, कोई नहीं जानता.
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