Durga Puja: कोलकाता में दुर्गा पूजा पंडाल में लखीमपुर खीरी की घटना की झलक, दीवारों पर लिखे गए नारे
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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों पर हुए हिंसा के जवाब में दमदम पार्क भारत चक्र समिति ने अपने दुर्गा पंडाल की थीम किसानों को समर्पित की है.
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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने की घटना को दुर्गा पूजा के पंडाल में खास तरीके से दिखाया गया है. दीवार पर घटना की पेंटिंग कर दी गई है.
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पंडाल की ओर के रस्ते में दीवार पर चित्रों के ज़रिए किसानों की हालत दिखाई गई है. दीवारों पर बंगाली और अंग्रेजी में विरोध के विभिन्न नारों को दर्शाया गया है.
पंडाल में ब्रिटिश काल के अलावा पिछले 100 सालों में किसानों पर हुए अत्याचार को भी दिखाया गया है. पंडाल के प्रवेश द्वार पर एक बड़ा ट्रैक्टर है, जिसके दो पंख हैं, जिसका अर्थ है कि किसी भी अन्य पेशे की तरह, खेती के पेशे को भी महत्व और सम्मान दिया जाना चाहिए.
दम दम पार्क भारत चक्र समिति के खेल सचिव जॉयदीप दास ने कहा, “डॉक्टरों या इंजीनियरों या किसी अन्य पेशे के लिए हमारे पास एक उच्च पद, उच्च कद, एक उच्च स्थान है, जहां हम जाना चाहते हैं, जिसे हम प्राप्त करना चाहते हैं, तो हम अपने किसानों, खेती के पेशे से जुड़े सभी लोगों के लिए वहीं चाहते हैं.
उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा में मरने वालों के नाम वाले कागज के छोटे-छोटे टुकड़े भी जल्द ही विशाल ट्रैक्टर पर लग सकते हैं.
इस वर्ष की थीम का नाम धन देबो ना, मान देबो ना रखा गया है, जिसका अर्थ है हम आपको धान नहीं देंगे, हम अपनी प्रतिष्ठा नहीं देंगे.
इसके अलावा, देवी दुर्गा की मूर्ति को एक साधारण घर के रूप के एक मंडप में स्थापित किया गया है. जैसे की एक किसान का होता है.
जॉयदीप ने कहा, “आपके गाँव के एक किसान का एक साधारण घर जहां लोग लक्ष्मी चालीसा का जाप कर रहे हैं. वहां हमारी देवी दुर्गा उस किसान के घर की लक्ष्मी बनकर आई हैं.”
image 10 थीम को और अधिक यथार्थवादी बनाने के लिए उन्होंने पंडाल के रास्ते में कई क्षतिग्रस्त जूते भी दीवारों पर लगाए हैं. यह किसानों के दर्द और पीड़ा का प्रतीक है.
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