सेफ्टी ग्लास-क्रीम, ईयरफोन और रुमाल...आंदोलन के बीच टियर गैस से यूं बचे किसान, PHOTOS में देखें शंभू बॉर्डर का हाल
पंजाब-हरियाणा सीमा पर किसान प्रदर्शन के बीच दो प्वाइंट्स किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच टकराव की वजह बनकर उभरे हैं. इसमें एक खनौरी बॉर्डर है और दूसरा शंभू बॉर्डर. इन दोनों ही सीमाओं पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच जबरदस्त टकराव हुआ है.
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View In Appखनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों को काबू में करने और सीमा पार करने से रोकने के लिए हरियाणा पुलिस आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल कर रही है. किसानों के ऊपर पहले पानी की बौछारों का भी इस्तेमाल किया गया.
किसानों ने भी हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों की कार्रवाई से बचने के लिए तरीके निकाल लिए हैं. किसानों को आंसू गैस से बचने के लिए सेफ्टी ग्लास, क्रीम, ईयरफोन और रुमाल का इस्तेमाल करते हुए देखा गया है.
शंभू बॉर्डर पर किसानों का सबसे ज्यादा जमावड़ा देखने को मिल रहा है. बॉर्डर पर किसान 1,200 ट्रैक्टर-ट्रॉली, 300 कार,10 मिनी बस और अन्य छोटे वाहन लेकर पहुंचे हैं. बताया गया है कि यहां 10 हजार से ज्यादा किसान मौजूद हैं.
हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों की बैरिकेंडिग और कंटीले तारों से बचने के लिए किसान अपने साथ जेसीबी मशीन, खुद से रास्ता तैयार करने के लिए रेत भरी बोरियां, पोकलेन, बड़े-बड़े पंखे लेकर पहुंचे हैं. किसानों को ड्रोन को पतंगों के जरिए गिराते हुए भी देखा गया है.
हरियाणा में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सात जिलों में इंटरनेट बैन बढ़ा दिया गया है. जिन जिलों में इंटरनेट बैन बढ़ाया गया है, उसमें अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा शामिल हैं. यहां प्रदर्शन की शुरुआत से ही इंटरनेट पर पाबंदी है.
प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच चार दौर की वार्ता भी हो चुकी है. इसमें तीन दौर की वार्ता में बेनतीजा रही हैं. किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच पहली बैठक 8 फरवरी, दूसरी 12 फरवरी और तीसरी 15 फरवरी को हुई. चौथी बैठक 18 फरवरी को हुई, जिसमें सरकार ने एमएसपी के सरकारी प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया.
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