Farmers Protest: पंखा-टीवी, वॉशिंग मशीन लेकर बैठे हैं किसान, शंभू बॉर्डर पर लंगर का भी इंतजाम
वहां डटे किसानों का जोश और जज्बा देखकर साफ संकेत मिलते हैं कि उन्होंने इस आंदोलन के लिए लंबी तैयारी अभी से कर रखी है.
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View In Appऐसा इसलिए क्योंकि जहां वे अस्थाई तौर पर डेरा जमाए हैं, वहां चारपाई से लेकर एलसीडी टीवी और 24 घंटे सात दिन तक चलने वाली रसोई भी है.
शंभू बॉर्डर के साथ खनौरी बॉर्डर पर भी किसान डटे हैं और वहां भी कुछ हद तक शंभू बॉर्डर जैसे स्थिति है.
खनौरी बॉर्डर पर भी भारी संख्या में टेंट, ट्रैक्टर और किसान प्रदर्शनकारी डेरों के तहत अस्थाई तौर पर रहकर एमएसपी की गारंटी की मांग कर रहे हैं.
पंजाब इंटेलिजेंस ब्यूरो के अनुमान के अनुसार, शंभू बॉर्डर पर मौजूदा समय में सात हजार से आठ हजार किसान डटे हैं.
28 साल के अमरीक सिंह (मुक्तसर साहिब के मंगत कैर गांव के रहने वाले) ने अंग्रेजी अखबार 'एचटी' को बताया- चाहे बारिश आए या तेज धूप, हम मांगें पूरी होने तक घर नहीं लौटेंगे. अभी तो एक ही महीना हुआ है. हम अगले एक साल तक यहां बैठने को तैयार हैं. पिछली बार प्रोटेस्ट 13 महीने तक चला था.
पटियाला में कबूलपुरा गांव के रहने वाले 55 बरस के जसविंदर सिंह ने अखबार को बताया, हम लंबे समय तक के लिए तैयार हैं. हमने यहीं पर रोजमर्रा की जिंदगी को बिताने के लिए सभी जरूरी बंदोबस्त कर चुके हैं.
दोनों बॉर्डर्स पर कई प्रदर्शनकारियों के पास न सिर्फ टेबल फैन, बल्ब और वॉशिंग मशीन हैं बल्कि उन्हें मिनी हेल्थ सेंटर (खालसा एड की ओर से) और सामुदायिक रसोई के रूप में 24 घंटे चलने वाले लंगर भी मिलते हैं जो आंदोलन के बीच उनका पेट भर रहे हैं.
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