Gallantry Awards 2021: पाकिस्तान को धूल चटाने वाले अभिनंदन को मिला 'वीर चक्र', देखिए शानदार तस्वीरें
Gallantry Awards 2021: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश की सुरक्षा के लिए अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले जवानों को राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अभिनंदन को वीर चक्र से सम्मानित किया गया.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appअभिनंदन वर्धमान ने 27 फरवरी, 2019 को एक पाकिस्तानी F-16 लड़ाकू विमान को हवाई युद्ध में मार गिराया था. इसके बाद वह तीन दिनों तक पाकिस्तान के कब्जे में रहे थे.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) अभिनंदन वर्धमान को वीर चक्र से सम्मानित किया. अभिनंदन वर्धमान को राष्ट्रपति की ओर से 27 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान की वायु सेना के F-16 लड़ाकू विमान को हवाई युद्ध में मार गिराने के लिए सम्मानित किया गया है.
बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर जेट को मार गिराने वाले विंग कमांडर अभिनंदन को वायुसेना की ओर से प्रमोशन भी दिया गया है. अभिनंदन को अब ग्रुप कैप्टन बना दिया गया है. वायु सेना में यह रैंक थलसेना के कर्नल रैंक के बराबर होता है.
मिग-21 'बाइसन' फाइटर जेट उड़ाने वाले विंग कमांडर अभिनंदन ने वर्ष 2019 में बालाकोट में एयर-स्ट्राइक के बाद हुई डॉगफाइट में पाकिस्तानी वायुसेना के अमेरिकी एफ-16 फाइटर जेट को मार गिराया था. हालांकि, इस डॉगफाइट मे विंग कमांडर अभिनंदन का बाइसन लड़ाकू विमान क्रैश हो गया था, लेकिन उनकी बहादुरी के लिए सरकार ने वीर चक्र से नवाजा था. उस वक्त अभिनंदन श्रीनगर के करीब अविंतापुरा एयर बेस पर तैनात थे. उनके पिता भी वायुसेना में एक ऊंचे पद पर थे और अब रिटायर हो चुके हैं
मिग-21 बाइसन के क्रैश होने के दौरान विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) अभिनंदन पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हो गए थे और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंधक बना लिया था. लेकिन भारत के कड़े रूख के चलते पाकिस्तान ने उन्हें जल्द रिहा कर दिया था. पाकिस्तानी सेना की हिरासत में रहते हुए भी अभिनंदन ने निर्भीकता का परिचय दिया था. उनकी बहादुरी और निर्भकता का पूरा देश कायल हो गया था.
धरती पर गिरने के बाद विंग कमांडर को पता नहीं चला कि वे कहां हैं लेकिन जैसे ही उन्हें ये आभास हुआ कि वे पाकिस्तान में हैं तो उन्होंने अपने पास मौजूद दस्तावेज तालाब में फेंक दिए थे. बाकी बचे दस्तावेजों को चबाकर निगल गए थे. ऐसा उन्होंने ऐसा इसलिए किया जिससे की देश के बारे में अहम जानकारी दुश्मनों को हाथ न लगे.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -